प्रशांत भूषण और यादव का नाम लिए बगैर उन बयानों एवं पत्रों का हवाला दिया जिनके सामने आने के बाद से पार्टी के भीतर मतभेदों से जुडा विवाद खडा हुआ है.आपसी संवाद वाले पत्रों के मीडिया में आने पर नाखुशी जाहिर करते हुए संजय सिंह ने कहा कि मुद्दों को मीडिया के जरिए सार्वजनिक करने की बजाय इन पर पार्टी के मंच पर चर्चा हो सकती थी.
पार्टी के भीतर संकट उस वक्त और गहरा गया जब प्रशांत भूषण की ओर से पिछले सप्ताह लिखा गया पत्र सार्वजनिक हुआ. इस पत्र में भूषण ने कहा था कि ह्यएक व्यक्ति केंद्रितह्ण प्रचार अभियान से पार्टी दूसरे दलों की तरह दिखेगी और उन्होंने संगठन के भीतर अधिक स्वराज की पैरवी की थी. यादव के साथ भूषण ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी को एक साझा पत्र दिया था और नैतिकता एचं शिकायत समिति की बातों को लागू करने की मांग की थी.

