नयी दिल्ली: कूडा करकट नहीं हटाने को लेकर नगर निकायों को फटकार लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि साफ सफाई के लिहाज से राष्ट्रीय राजधानी ‘‘एशिया स्तर का शहर तक नहीं’’ है.
न्यायमूर्ति बीडी अहमद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा, ‘‘हम दिल्ली को विश्व स्तर का शहर कैसे बनाएंगे? यह एशिया स्तर का शहर तक नहीं है. सभी नियमों और बडी संख्या में सफाई कर्मचारियों की उपलब्धता के बावजूद, हम पाते हैं कि दिल्ली की लगभग सभी सडकों पर कूडा करकट बिखरा पडा है और नालों को सही ढंग से साफ नहीं किया जा रहा है.’’
पीठ ने कहा, ‘‘इस उददेश्य के लिए, याचिकाकर्ता :एनजीओ: ने 13 फरवरी 2001 को दिल्ली नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त द्वारा जारी एक आदेश को लागू करने का सुझाव दिया है. हमने यह सकरुलर पढा है और यह व्यापक है.’’ पीठ ने कहा, ‘‘हमारी बदकिस्मती है कि एमसीडी के वकील और उपायुक्तों को इस सकरुलर के बारे में पता तक नहीं है. उनका कहना है कि नगर निगम के तीन भाग होने से पहले ऐसा सकरुलर जारी किया गया था, इसकी उन्हें जानकारी है, लेकिन यह नहीं मालूम कि इसे मंजूरी दी गई थी या नहीं.’’
पीठ ने निर्देश दिया कि इसे तुरंत मंजूर किया जाए और एक पखवाडे के भीतर प्रत्येक एमसीडी द्वारा उचित सर्कुलर जारी किया जाए. इन सकरुलरों को तत्काल कार्यान्वित किया जाए ताकि साफ सफाई के काम पर कारगर ढंग से नजर रखी जा सके.
पीठ ने नगर निकायों से 18 मार्च को सुनवाई की अगली तारीख के पहले इस मुददे पर ‘‘ठोस स्थिति रिपोर्ट’’ देने का कहा है.