ब्रसेल्स/नयी दिल्ली : यूरोपीय संसद ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है, जो भारत से कहता है कि वह दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीनों को देश लौटने की अनुमति दे. इस प्रस्ताव पर नई दिल्ली ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए इस कदम को ‘‘गलत सलाह’’ करार दिया है क्योंकि मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है.
यूरोपीय संसद के फैसले पर आपत्ति जताते हुए भारत ने आज कहा कि दो इतालवी मरीनों का मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है और भारत एवं इटली के बीच इसपर चर्चा की जा रही है. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने नई दिल्ली में कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय ने 14 जनवरी 2015 के अपने फैसले में इतालवी मरीन मासीमिलियानो लातोरे को स्वास्थ्य कारणों के चलते इटली में रहने के लिए तीन माह का विस्तार दिया है. वहीं दूसरा मरीन साल्वातोरे गिरोने नई दिल्ली में इतालवी दूतावास में रह रहा है.’’उन्होंने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में, यूरोपीय संसद के लिए बेहतर यही होता कि वह ऐसा प्रस्ताव पारित नहीं करती.’’
देर रात आकार लेने वाले घटनाक्रम के तहत, स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संसद ने दो इतालवी मरीनों के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित कर दिया। इस प्रस्ताव के तहत अन्य चीजों के साथ-साथ यह आह्वान किया गया है कि दोनों मरीन को इटली वापस आने दिया जाए और न्यायाधिकार क्षेत्र में बदलाव किया जाए.