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जानिए अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत व चीन के बीच मुकाबले से जुड़े तथ्य

1.भारत एशिया ही नहीं दुनिया का पहला देश है, जिसने अपने एक ही प्रयास मेंअपना अभियान पूरा कर लिया है.मंगलयान की सफलता ने चीन को अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारत ने दी कड़ीचुनौती. भारत लाल ग्रह पर भी चीन से पहले पहुंचने की कोशिश में जुड़ा है.2.भारत व चीन के बीच तगड़ी अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लेकर […]

1.भारत एशिया ही नहीं दुनिया का पहला देश है, जिसने अपने एक ही प्रयास मेंअपना अभियान पूरा कर लिया है.मंगलयान की सफलता ने चीन को अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारत ने दी कड़ीचुनौती. भारत लाल ग्रह पर भी चीन से पहले पहुंचने की कोशिश में जुड़ा है.
2.भारत व चीन के बीच तगड़ी अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लेकर काफी तगड़ीप्रतियोगिता चल रही है. हालांकि चीन ने भारत से पहले 2003 में हीअंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष भेज दिया था.
3. भारत का मंगलयान 300 दिन में 67 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय करेगी. मंगलकी कक्षा में स्थापित करने के लिए 24 सितंबर को इसे धीमा किया गया.
4. भारत एशिया का पहला देश है, जिसने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षामें अपने यान को स्थापित कर लिया है. अमेरिका और रूस ने भी अपने पहलेप्रयास में यह उपलब्धि नहीं हासिल कर सके.
5. चीन का पहला मंगल अभियान यंगहाउ – 1 2011 में असफल हो गया था, वहीं 1998में जापान का मंगल अभियान ईंधन की कमी के कारण विफल हो गया था.
6. भारत का मंगल यान कम लागत का है और तेज मोड़ लेने में सक्षम है. यह अपनीइस खूबी के कारण दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है.
7. मंगलयान को बंगाल की खाड़ी में स्थित उपग्रह प्रक्षेपण केंद्रश्रीहरिकोटा से पांच नवंबर 2013 को 450 करोड़ रुपये बजट के इस यान कोछोड़ गया था.
8. मंगलयान छह महीने के अपने छोटे कार्यकाल में मंगल के वातावरण का अध्ययनकरेगा और मीथेन गैस का पता लगायेगा. यह भी मालूम करेगा कि क्यायूनिवर्समें हम अकेले हैं.
9. मंगलयान की सफलता के बाद भारत ने अंतरिक्ष कार्यक्रमों में चीन को पीछेछोड़ दिया है. 21वीं सदी में महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहे भारत के लिए यहबड़ी उपलब्धि है.हालांकि छह महीने के अपने बहुत ही नगण्य कार्यकाल में यह मंगल के वातावरणका अध्ययन करेगा.
10. भारत के मंगलयान पर अमेरिका में इस अभियान पर आये खर्च का दसवां हिस्साखर्च हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी जब इसरो गये थे, उन्होंने देश केवैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा था कि मुङो पता चला है कि इस परहॉलीवुड फिल्म ग्रेविटी से भी कम खर्च आया है.

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