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केजरीवाल के खिलाफ बोलकर फंस गये शांति भूषण

नयी दिल्‍ली : आम आदमी पार्टी में एक बार फिर कलह शुरू हो गया है. पार्टी के अंदर अब अरविंद केजरीवाल के विरोध में खुल कर बोला जाने लगा है. केजरीवाल पर पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं ने तो कई बार हमला बोला है.इस बार पार्टी के सबसे पुराने सदस्‍य और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण […]

नयी दिल्‍ली : आम आदमी पार्टी में एक बार फिर कलह शुरू हो गया है. पार्टी के अंदर अब अरविंद केजरीवाल के विरोध में खुल कर बोला जाने लगा है. केजरीवाल पर पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं ने तो कई बार हमला बोला है.इस बार पार्टी के सबसे पुराने सदस्‍य और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने हमला बोला.

उन्‍होंने केजरीवाल की नेतृत्‍व क्षमता पर ही हमला बोला है. शांति भूषण ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनमें नेतृत्‍व क्षमता का अभाव है, किसी और को पार्टी का नेतृत्‍व सौंपा जाना चाहिए.

इधर शांति भूषण के इस बयान के बाद से पार्टी के अंदर रार शुरू हो गयी है. कई नेता तो शांति भूषण के पक्ष में खड़े दिखे तो कई नेता शांति भूषण के विपक्ष में. हालांकि पार्टी ने शांति भूषण के इस बयान का घोर आलोचना किया है और उनसे कहा गया कि उन्‍हें अगर कोई नाराजगी है तो सदस्‍यों के साथ बोलना चाहिए था इस तरह सार्वजनिक मंच पर बोलना ठिक नहीं है.

पार्टी सूत्र ने बताया कि शांति भूषण हरियाणा से चुनाव लड़ना चाहते हैं और उन्‍हें पार्टी वहां से टिकट नहीं देना चाहती इस लिए वह नाराज हैं. शायद इसी कारण से वह पार्टी विरोधी बात कर रहे हैं. इधर आप के नेता और शांति भूषण के बेटे प्रशांत भूषण ने अपने पिता से असहमति जताते हुए कहा कि उन्होंने निजी विचार व्यक्त किया जिसे वह सार्वजनिक तौर पर चर्चा करने के बजाए अगर पार्टी फोरम पर चर्चा करते तो अच्छा होता.

पार्टी के दिल्ली संयोजक आशुतोष ने कहा, मेरा मानना है कि यह कहना फैशन हो गया है कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र नहीं है. पार्टी के अंदर लोकतंत्र कैसे काम करता है इसका आप एक अच्छा उदाहरण है. पार्टी ने पिछले हफ्ते करन सिंह को बर्खास्त कर दिया जो एक वरिष्ठ कार्यकर्ता थे.

करन ने अंदरुनी लोकतंत्र के अभाव की शिकायत करते हुए पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आप वालंटियर्स विचार मंच (अवाम) का गठन कार्यकर्ताओं के मुद्दों को उठाने के लिए किया था जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. भूषण ने अवाम का समर्थन किया. वरिष्ठ वकील ने कहा कि चूंकि केजरीवाल निर्वाचित नेता नहीं हैं इसलिए वह पार्टी की एकमात्र आवाज होने का दावा नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा, आज वह अपने पद पर पार्टी के अखिल भारतीय सदस्यों के निर्वाचित व्यक्ति के रुप में नहीं हैं इसलिए वह नहीं कह सकते कि उनकी आवाज पार्टी की एकमात्र आवाज है. संभवत: वह सोचते हैं कि राष्ट्रीय परिषद ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का समन्वयक नियुक्त किया इसलिए वह मानते हैं कि उनकी बात ही प्रमुख है. आप ने कहा कि शांति भूषण इस बात को लेकर नाराज हैं कि पार्टी ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों में नहीं लड़ने का फैसला किया है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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