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दाऊद के करीबी फारुक टकला के खिलाफ जालसाजी मामले में आरोपपत्र दाखिल

नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के नजदीकी सहयोगी फारुक टकला के खिलाफ पासपोर्ट में जालसाजी के एक मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसका इस्तेमाल उसने 1993 मुंबई बम विस्फोटों के बाद कानून से बचने के लिए गलत पहचान की आड़ में फरार होने के लिए किया. यह […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के नजदीकी सहयोगी फारुक टकला के खिलाफ पासपोर्ट में जालसाजी के एक मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसका इस्तेमाल उसने 1993 मुंबई बम विस्फोटों के बाद कानून से बचने के लिए गलत पहचान की आड़ में फरार होने के लिए किया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.

सूत्रों ने बताया कि मोहम्मद फारुक उर्फ ​​फारुक टकला (58) को आठ मार्च 2018 को राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उस समय पकड़ा गया था जब वह दुबई से एयर इंडिया की एक उड़ान से यहां पहुंचा था. माना जाता है कि उक्त अभियान को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने अंजाम दिया था. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के समय उसके पास से एक पासपोर्ट (नंबर जे6435628) मिला था जो मुश्ताक मोहम्मद मियां के नाम से जारी था. मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष हाल में दायर सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार फारुक ने मुश्ताक की पहचान 1991 में ली थी जब उसने मुंबई में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) से अपने नाम से एक पासपोर्ट हासिल करने के लिए झूठी सूचना मुहैया की थी.

अधिकारियों ने कहा कि उसने दुबई और अन्य खाड़ी शहरों में निवास के लिए इस पहचान का कथित रूप से इस्तेमाल किया, जबकि उसने कथित रूप से इब्राहिम के लिए काम किया और 1993 के मुंबई विस्फोटों को अंजाम देने के वास्ते साजोसामान के साथ मदद की. उन्होंने कहा कि विस्फोटों के बाद फारुक की गिरफ्तारी के लिए 1995 में उसके खिलाफ एक इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (नंबर ए 385/7 1995) जारी किया गया था, लेकिन फर्जी पासपोर्ट ने कानून के शिकंजे से बचने में कथित रूप से उसकी मदद की. आरोपपत्र में दावा किया गया है कि 2001 में उसने अपना पासपोर्ट नवीनीकृत कराने के लिए दुबई में भारत के महावाणिज्य दूतावास से संपर्क किया था. उसके द्वारा प्रदान की गयी जाली जानकारी के आधार पर दुबई स्थित महावाणिज्य दूतावास ने पासपोर्ट नंबर जेड1312046 जारी किया था, जो दो जुलाई 2002 तक वैध था.

आरोपपत्र में कहा गया है कि 2011 में महावाणिज्य दूतावास द्वारा फिर से फारुक को पासपोर्ट जे6435628 जारी किया गया था. दिल्ली में जब एजेंसियों द्वारा उसे गिरफ्तार किया गया तब वह इसी पासपोर्ट नंबर पर यात्रा कर रहा था. वह आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तारी के बाद से मुंबई की आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में है. शृंखलाबद्ध बम विस्फोट के मामले में मामला इसी कानून के तहत चलाया जा रहा है. सीबीआई ने पिछले वर्ष 28 मार्च को उसके खिलाफ पासपोर्ट जालसाजी का एक मामला दर्ज किया था जो कि भारतीय दंड संहिता की पासपोर्ट कानून की धोखाधड़ी और उल्लंघन से संबंधित धाराओं के तहत किया था. पासपोर्ट मामले में जांच पूरी करने के बाद सीबीआई ने मुंबई के अतिरिक्त मुख्य मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र दायर किया है.

आरोप है कि फारुक दाऊद इब्राहीम और अनीस इब्राहीम का करीबी सहयोगी था और मुंबई में 1993 के बम विस्फोटों का एक सक्रिय साजिशकर्ता था जिसने पूरे देश को हिला दिया था. मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हो गयी थी और 700 से अधिक घायल हो गये थे. जांच एजेंसी अगस्त 2018 में दायर अपने आरोपपत्र में धमाकों के लिए टाडा प्रावधानों के तहत फारुक को पहले ही आरोपित कर चुकी है. जांच एजेंसी ने 19 नवंबर 1993 को बॉम्बे (अब मुंबई) पुलिस से बम विस्फोटों की जांच अपने हाथ में ले ली थी. पुलिस ने चार नवंबर 1993 को एक आरोपपत्र दायर किया था जिसमें फारुक को 44 फरार आरोपियों में से आरोपी नंबर 196 के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.

सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि फारुक तब शेख बुरहान कमरुद्दीन स्ट्रीट का निवासी था, उसने पांच अभियुक्तों के लिए हवाई टिकट, आवास और अन्य इंतजाम किये थे जिन्होंने हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए दुबई के रास्ते पाकिस्तान की यात्रा की थी. इनका उपयोग विस्फोटों में किया गया था. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उसने सलीम बिस्मिल्ला खान उर्फ ​​सलीम कुर्ला (अब मृत) और चार अन्य मोहम्मद हनीफ मोहम्मद उस्मान शेख, शेख अब्राहम शेख हुसैन, उस्मान खान और मोहम्मद सईद इसहाक का दुबई में कथित तौर पर स्वागत किया था. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि फारुक ने उनकी यात्रा और प्रवास का वित्तपोषण किया था और उन्हें प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान जाने और मुंबई लौटने के के बारे में जानकारी दी थी.

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