नयी दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्य असम में सत्तारूढ़ सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने ये फैसला किया कि जिन भी नागरिकों के दो से अधिक बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. सरकार का तर्क है कि, जनसंख्या नियंत्रण के लिए नागरिकों पर इतनी सख्ती जरूरी है अन्यथा सूबे के संसाधनों का उचित और न्यायपूर्ण वितरण मुश्किल हो जाएगा. हालांकि राज्य सरकार के इस फैसले का विभिन्न क्षेत्रों से विरोध किया गया.
इस पार्टी के नेता ने उठाया सवाल
असम सरकार के दो बच्चे वाले कानून पर अब ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरूद्धीन अजमल का बयान आया है. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बदरूद्दीन अजमल ने सरकार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ‘सरकार का फैसला है कि दो से अधिक बच्चों वाले लोग सरकारी नौकरियों के लिए पात्र नहीं होंगे लेकिन इस्लाम केवल दो बच्चे होने की अवधारणा में विश्वास नहीं करता है’. बदरूद्दीन ने कहा कि ‘जिन्हें इस दुनिया में आना है, उन्हें कोई नहीं रोक सकता’.
Badruddin Ajmal: On one side, the RSS chief Mohan Bhagwat asks to produce 8-10 children & on other side, govt says that no govt jobs will be given to the people having more than two children. First, they should decide what they want. BJP govt runs at the instructions of Nagpur.
— ANI (@ANI) October 27, 2019
‘कानून मानने को बाध्य नहीं समुदाय’
बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि ‘सरकार के इस फैसले को मानने के लिए हमारा समुदाय बाध्य नहीं है क्योंकि हमारे लिए वैसे भी नौकरियां नहीं हैं और ना ही हमें सरकारी नौकरियों की उम्मीद है’. उन्होंने कहा कि, ‘मैं अपने लोगों से कहना चाहता हूं कि वे मन मुताबिक बच्चे पैदा करें और उन्हें शिक्षित करें’. अजमल ने कहा कि ‘वे बच्चे बड़े होकर नौकरी के अवसर पैदा कर सकते हैं और हिन्दूओं को भी रोजगार प्रदान कर सकते हैं’.
मोहन भागवत पर भी साधा निशाना
बदरुद्दीन अजमल यहीं नहीं रूके बल्कि उन्होंनें राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘आरएसएस प्रमुख कहते हैं कि हिन्दुओं को आठ से दस बच्चे पैदा करने चाहिए वहीं दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी’. अजमल ने कहा कि, ‘सबसे पहले उन्हें तय करना चाहिए कि उन्हें क्या चाहिए’. बदरुद्दीन अजमल ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकारें नागपुर के निर्देशों पर चलती हैं.