बेंगलुरु : कर्नाटक में सत्तारूढ़ जदएस-कांग्रेस गठबंधन के एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे से उत्पन्न संकट के एक दिन बाद इससे निपटने के लिए दोनों दलों के नेता अगले कदम को लेकर गहन विचार विमर्श कर रहे हैं. उधर, मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी अमेरिका से वापस लौट आये हैं. माना जा रहा है मुख्यमंत्री जदएस के विधायकों के साथ ताज वेस्ट एंड होटल में आज रात ही बैठक करेंगे.
उधर, विपक्षी भाजपा ने कहा है कि वह घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है और उसने इशारा किया कि पार्टी सरकार बनाने के सभी विकल्पों को देख रही है. अपने दस विधायकों के त्यागपत्र देने से सकते में आयी कांग्रेस के विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को एक बैठक बुलायी है जिसमें मौजूदा सियासी चुनौतियों और 12 जुलाई से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के सत्र को लेकर विचार विमर्श किया जायेगा. राजनीति के लिहाज से इस बैठक को अहम माना जा रहा है क्योंकि इस तरह की अपुष्ट खबरें आ रही हैं कि आने वाले कुछ दिनों में कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं.
उधर, पार्टी प्रमुख देवेगौड़ा के निवास पर जदएस खेमे की बैठकों का सिलसिला बना हुआ है. राज्य के पार्टी प्रमुख एचके कुमारस्वामी ने कहा कि इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की गयी. जिन तीन विधायकों ने इस्तीफे दिये हैं, उन्हें मनाकर त्यागपत्र वापस लेने के लिए समझाने बुझाने के प्रयास किये गये. सरकार के संकटमोचक माने जाने वाले कांग्रेस के शिवकुमार ने गौड़ा से उनके घर पर मुलाकात कर राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की. गौरतलब है कि कांग्रेस-जदएस सरकार उस समय संकट में घिर गयी जब गठबंधन के 13 विधायकों ने त्यागपत्र दे दिया. इनमें से 12 लोगों ने शनिवार को ही इस्तीफा दे दिया था.
राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 118 विधायक हैं. अगर त्यागपत्रों को स्वीकार कर लिया जाता है तो सरकार के बहुमत खोने का संकट आ सकता है. भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है और पार्टी संन्यासी नहीं है कि वह सरकार बनाने की संभावना से इनकार कर दें. उन्होंने कहा गठबंधन सरकार को अच्छा प्रशासन देने दें. पर अगर वे ऐसा नहीं कर पाते तो हम 105 विधायकों के साथ मौजूद हैं. भाजपा न तो राज्यपाल से मिलेगी और न ही दिल्ली जायेगी. गौरतलब है कि सरकार बनाने के लिए कम से कम 113 विधायकों का समर्थन चाहिए और अगर ये त्यागपत्र स्वीकार हो जाते हैं तो गठबंधन के विधायकों की संख्या 105 रह जायेगी.