नयीदिल्ली : लोकसभा की पहली पंक्ति में इस बार काफी बदलाव देखने को मिलेंगे. पहली पंक्ति में जहां एनडीए नेताओं की संख्या बढ़ने जा रही है, वहीं विपक्षी पार्टी का दर्ज नहीं पा सकी कांग्रेस को पहली पंक्ति में दो सीटें आवंटित हुई हैं. सत्रहवीं लोकसभा में भाजपा के 303 सांसद हैं. इस अनुपात से भाजपा को दो अतिरिक्त सीटें मिलेंगी. अब पहली पंक्ति में भाजपा का कोटा बढ़ कर 12 सीट का हो जायेगा. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली है.
उन्हें पहली पंक्ति की सीट मिलेगी. राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और सदानंद गौड़ा को भी पहली पंक्ति में स्थान मिल सकता है. लोकसभा में स्पीकर की दायीं ओर की पहली सीट प्रधानमंत्री के लिए आवंटित होती है. पीएम के साथ वाली सीट पर दूसरा सबसे बड़ा नेता बैठता है. पिछली सरकार में इस सीट पर राजनाथ सिंह बैठा करते थे. यूपीए सरकार में इस सीट पर प्रणब मुखर्जी बैठा करते थे. पहली पंक्ति की सबसे आखिरी सीट (स्पीकर के बायीं ओर) डिप्टी स्पीकर के लिए होती है.
पांच लोकसभा सांसद जो पहली पंक्ति में बैठा करते थे इस बार वह नजर नहीं आयेंगे क्योंकि उन्होंने इस बार चुनाव नहीं लड़ा है या फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी उन नेताओं में से एक हैं जो 17वीं लोकसभा के दौरान पहली पंक्ति पर बैठे हुए नहीं दिखायी देंगे.
इसके अलावा अन्नाद्रमुक नेता एम थंबीदुरई भी पहली पंक्ति से नदारद रहेंगे. इसके अलावा संभावनाएं हैं कि बीजद नेता प्रतिपक्ष भर्तृहरी महताब और तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय को भी अपनी जगह गंवानी पड़ सकती है. वजह है कि पिछले चुनाव की तुलना में इस बार दोनों पार्टियों की सीटें कम हुई हैं. इस बार बीजद जहां 22 सीटें ही अपने नाम कर सकी, वहीं तृणमूल 10 सीटों पर सिमट गई. ऐसे में गणित के मुताबिक पहली पंक्ति में बीजद का अनुपात 0.8 सीट और तृणमूल का अनुपात 0.4 सीट बनता है.
मनमोहन नहीं बना पाये थे जयशंकर को विदेश सचिव, मोदी ने बनाया विदेश मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नयी कैबिनेट में अनुभवी नौकरशाह एवं पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय का महत्वपूर्ण प्रभार दिया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जिस आइएफएस अधिकारी एस जयशंकर को विदेश सचिव नहीं बनवा पाये थे आज वे भारत के विदेश मंत्री हैं.
करीब 16 महीने पहले ही वे विदेश सेवा से सेवानिवृत हुए एस जयशंकर को मोदी मंत्रिमंडल में सीधे शामिल करना सबके लिए एक हैरान करनेवाला फैसला रहा. शपथ समारोह से ऐन पहले जब उनकी टीम के लिए एस जयशंकर का नाम आया तो बहुत लोग चौंके.
पेचीदा मुद्दों को समझने, समझाने और सुलझाने में सक्षम पूर्व विदेश सचिव मोदी कैबिनेट में जयशंकर न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा के सदस्य हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई बार यह अटकलें भी लगी थी कि उन्हें एनएसए की जिम्मेदारी दी जा सकती है. डोकलाम विवाद से लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत की पैरवी तक पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर की जबर्दस्त भूमिका मानी जाती है.
छह महीने में पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को बनना होगा राज्यसभा या लोकसभा का सदस्य जयशंकर के बारे में अभी तय नहीं है कि वे सदन में कैसे पहुंचेंगे. संवैधानिक अधिकार के मुताबिक प्रधानमंत्री किसी व्यक्ति को सीधे मंत्री बना सकते हैं और पद संभालने के छह महीने के भीतर उस व्यक्ति को लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बनना पड़ता है. ऐसे में एस जयशंकर के पास भी छह माह का वक्त है.
पहली पंक्ति का कोटा पार्टी की मजबूती पर होता है आवंटित
पहली पंक्ति की सीटें अमूमन वरिष्ठ सांसदों और विभिन्न पार्टियों के नेता प्रतिपक्ष को आवंटित की जाती हैं. यदि वह दोबारा चुने जाते हैं, तो शिष्टाचार के नाते पूर्व प्रधानमंत्रियों को पहली पंक्ति की सीट दी जाती है. इसके अलावा पहली पंक्ति का कोटा पार्टी की मजबूती पर निर्भर करता है.
इस बारे में एक वरिष्ठ लोकसभा अधिकारी ने बताया कि हम केवल पार्टियों को सीट आवंटित करते हैं. सीट के लिए पार्टी किसका नाम देती है यह पूरी तरह से पार्टी पर निर्भर करता है, हम केवल उस सुझाव को मानते हैं.
रामविलास को भी पहली पंक्ति में मिल सकती है जगह
भाजपा के सहयोगी दलों से लोजपा नेता और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, शिवसेना नेता और भारी उद्योग मंत्री अरविंद सावंत और शिरोमणि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर पहली पंक्ति में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो सकती हैं.
सोनिया और राहुल गांधी बैठेंगे इस पंक्ति में
पिछली सरकार में सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुनखड़गे को पहली पंक्ति में बैठना का मौका मिला था. इस बार सोनिया की सीट में कोई बदलाव नहीं है. लेकिन, खड़गे के हार जाने पर कांग्रेस राहुल को पहली पंक्ति में भेजना का फैसला कर सकती है.
नये कैबिनेट में 51 मंत्री करोड़पति, 22 पर आपराधिक मामले
मोदी सरकार के नये कैबिनेट में 51 मंत्री करोड़पति हैं. 22 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी अपने हलफनामों में दी है. आठ मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 10वीं से 12वीं के बीच बतायी है, वहीं 47 स्नातक हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्स्टेक नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता की, संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली और भूटान के पीएम लोटे शेरिंग से अलग अलग बैठक की और अपने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की. मोदी ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और मारिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ भी व्यापक चर्चा की. मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आये सभी नेताओं का आभार प्रकट किया एवं शुभेच्छा प्रकट की.
देश के विकास के लिए मोदी सरकार के साथ मिलकर करेंगे काम : कांग्रेस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह देश के विकास के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छुक है. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नयी कैबिनेट के मंत्रियों को बधाई.
24 कैबिनेट मंत्री : रविशंकर कानून और अर्जुन मुंडा आदिवासी मामलों के मंत्री बनाये गये
1. राजनाथ सिंह रक्षा
2. अमित शाह गृह
3. निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री व वाणिज्य
4. सुब्रमण्यम जयशंकर विदेश मंत्री
5. रवि शंकर प्रसाद कानून-न्याय , संचार व इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी
6. नितिन गडकरी सड़क, राजमार्ग मंत्री व लघु,सूक्ष्म व मध्यम उद्योग
7. पीयूष गोयल रेल मंत्री और वाणिज्य उद्योग
8. रामविलास पासवान उपभोक्ता मामलों, खाद्य व जन वितरण
9. अर्जुन मुंडा आदिवासी मामला
10. गिरिराज सिंह पशुपालन, दुग्ध व मत्स्य पालन
11. डीवी सदानंद गौड़ा रसायन व उर्वरक मंत्री
12. नरेंद्र सिंह तोमर कृषि व किसान, ग्रामीण विकास व पंचायती राज
13. हरसिमरत कौर बादल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
14. थावर चंद गहलोत सामाजिक न्याय व अधिकारिता
15. रमेश पोखरियाल मानव संसाधन विकास
16. स्मृति ईरानी महिला-बाल विकास मंत्री और कपड़ा
17. हर्षवर्धन स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, विज्ञान प्रौद्योगिकी
18. प्रकाश जावड़ेकर पर्यावरण, वन , जलवायु परिवर्तन व सूचना एवं प्रसारण
19. धर्मेंद्र प्रधान पेट्रोलियम , प्राकृतिक गैस मंत्री व इस्पात
20. मुख्तार अब्बास नकवी अल्पसंख्यक मामला
21. प्रह्लाद जोशी पेट्रोलियम, कोयला व खनन
22. महेंद्र नाथ पांडे कौशल विकास व उद्यमिता
23. अरविंद गणपत सावंत भारी उद्योग व लोक उद्यम
24. गजेंद्र सिंह शेखावत जल शक्ति
नौ को स्वतंत्र प्रभार : आरके सिंह को ऊर्जा विभाग
1. राज कुमार सिंह ऊर्जा, कौशल विकास व उद्यमिता
2. संतोष कुमार गंगवार श्रम व रोजगार मंत्रालय
3. राव इंद्रजीत सिंह सांख्यिकी व कार्यक्रम, योजना
4. श्रीपद यसो नाइक आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक, यूनानी, होम्योपैथी व रक्षा
5. किरण रिजिजू युवा व खेल मंत्रालय अौर अल्पसंख्यक
6. प्रह्लाद सिंह पटेल संस्कृति व पर्यटन
7. हरदीप सिंह पुरी आवास व शहरी, नागर विमानन, वाणिज्य-उद्योग
8. मनसुख एल मंडाविया जहाजरानी , रसायन व उर्वरक
9. जितेंद्र सिंह पूर्वोत्तर, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन
24 राज्य मंत्री : नित्यानंद काे गृह व अश्विनी को स्वास्थ्य
1. नित्यानंद राय गृह मंत्रालय
2. जी किशन रेड्डी गृह मंत्रालय
3. अश्विनी कुमार चौबे स्वास्थ्य
4. अनुराग सिंह ठाकुर वित्त व कॉरपोरेट
5. देबाश्री चौधरी महिला व बाल विकास
6. बाबुल सुप्रियो पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन
7. रामदास अठावले सामाजिक न्याय व अधिकारिता
8. कृष्णपाल सामाजिक न्याय व अधिकारिता
9. फग्गन सिंह कुलस्ते इस्पात मंत्रालय
10. अर्जुन राम मेघवाल संसदीय मामला, भारी उद्योग
11. जनरल वीके सिंह सड़क, परिवहन व राजमार्ग
12. दानवे राव साहेब दादाराव उपभोक्ता, खाद्य व सार्वजनिक वितरण
13. पुरुषोत्तम रूपाला कृषि व किसान कल्याण
14. साध्वी निरंजन ज्योति ग्रामीण विकास
15. संजीव कुमार बालियान पशु पालन, डेयरी,मत्स्य
16. धोत्रे संजय शामराव मानव संसाधन, संचार, आइटी
17. आंगड़ी सुरेश रेल मंत्रालय
18. रतन लाल कटारिया जल शक्ति
19. वी मुरलीधरन विदेश व संसदीय
20. रेणुका सिंह सरूता आदिवासी मामला
21. सोम प्रकाश वाणिज्य व उद्योग
22. रामेश्वर तेली खाद्य प्रसंस्करण
23. प्रताप चंद्र सारंगी लघु, सुक्ष्म इंटरप्राइजेज, पशु पालन
24. कैलाश चौधरी कृषि व किसान विकास