नयी दिल्ली : असंतुष्ट पत्नियों द्वारा पति और ससुरालवालों के खिलाफ दहेज विरोधी कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी कि ऐसे मामलों में पुलिस स्वत: आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती. उसे कदम की वजह बतानी होंगी, जिनकी न्यायिक समीक्षा की जायेगी.
शीर्ष अदालत ने कहा, पहले गिरफ्तारी और फिर बाकी कार्यवाही करने का रवैया निंदनीय है. इस पर अंकुश लगाना चाहिए. जस्टिस सीके प्रसाद की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने कहा कि पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार करने की जरूरत के बारे में मजिस्ट्रेट के समक्ष कारण और सामग्री पेश करनी होगी.
Good judgment by justice ck prasad of Supreme Court now anti dowry law can not be misused. Police can not arrest on the basis of complaint
— Rajeev Shukla (@ShuklaRajiv) July 3, 2014
(All law enforcement is based on honest intention) @ibnlive: Dowry law misused by disgruntled housewives, stop automatic arrests: SC
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) July 3, 2014