नयी दिल्ली : अधिकारी, नेता और मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने नये निर्देश जारी किये हैं. सरकार का निर्देश है कि विदेश यात्रा के बारे में कम से कम 10 दिन पहले पीएमओ को बताना होगा. विदेश यात्रा से पहले बताना होगा कि पिछली विदेश यात्रा में उन्होंने क्या सीखा और उसमें से किन चीजों पर अमल किया. पारंपरिक रिपोर्ट तो देनी ही होगी. देशहित में ही विदेश यात्रा की अनुमति दी जायेगी.
इसे महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है. यूपीए सरकार में मंत्री-अधिकारी विदेश यात्रा से पहले सिर्फ टूर रिपोर्ट और पिछली यात्रा पर खर्च का ब्योरा देते थे. लेकिन, नयी सरकार ने जो नियम बनाया है, उसके मुताबिक, विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) विदेश यात्रा को हरी झंडी देगा. इसके लिए 15 दिन पहले विदेश मंत्रालय और 10 दिन पहले पीएमओ को यात्रा से जुड़ी सूचना देनी होगी. प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाये कि विदेशों में भारत का पक्ष मजबूती से रखा जाये और यात्रा का दोहराव न हो.
विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बिना कोई विदेश यात्रा नहीं कर पायेगा. मंत्रियों को निजी विदेश यात्रा के बारे में भी पीएमओ को सूचित करना होगा. कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने विदेश यात्रा के नियमों को कड़ा करने संबंधी नोट के बाद सभी मंत्रालयों के सचिवों को दूसरा नोट भेजा है. इसमें कहा गया है कि अधिकारियों के विदेश यात्रा मामले में लापरवाही भरे रवैये से प्रधानमंत्री सख्त नाराज हैं, क्योंकि विदेश यात्रा के लिए तय किये गये नियमों का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है.