नयी दिल्ली : भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून की वकालत करते हुए बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि सरकार को राम मंदिर के मामले में उसी तरह का साहस दिखना चाहिए जो उसने तीन तलाक के मामले में विधेयक लाने में दिखाया है.
शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में हम तीन तलाक पर विधेयक लाये हैं. इससे पहले अनुसूचित जाति एवं जाति उत्पीड़न निवारण कानून पर शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ जाकर कानून में संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में राम मंदिर के मामले में उसी तरह का साहस दिखना चाहिए जो तीन तलाक के मामले में विधेयक लाने में दिखाया है. मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-1918 पर चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना सदस्य ने कहा कि विकास की बात सारी सरकारें करती हैं, लेकिन भाजपा नीत गठबंधन को जिन अलग कारणों से लोगों ने चुना, उसका हमें ध्यान रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता, धारा 370 तथा राम मंदिर पर सरकार कदम उठाये, शिवसेना सरकार के साथ रहेगी. सावंत ने कहा, हमने वचन दिया था, आश्वासन दिया था कि जिस दिन सत्ता में आये, उसी दिन राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त करेंगे. उन्होंने कहा कि राम मंदिर राजनीति का विषय नहीं है, यह देश के लोगों की भावनाओं से जुड़ा विषय है. सावंत ने कहा कि 70 वर्षों से राम मंदिर से जुड़े विषय पर फैसला नहीं आना संविधान के खिलाफ बात है. न्याय में देरी भी अन्याय है. हम न्याय नहीं कर पा रहे हैं, राम लला तंबू में हैं. शिवसेना नेता ने कहा कि आप समान नागरिक संहिता, धारा 370 हटाने और राम मंदिर के निर्माण पर आगे बढ़े, शिवसेना आपके साथ है.