नयी दिल्ली:दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि सहजीवन का सफल नहीं होना या युवाओं का एक-दूसरे के लिए असमय प्रतिबद्धता जताना, जिसके बाद संबंध विच्छेद हो जाता है, बलात्कार के मामलों में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण है. अदालत ने युवा युगलों के अभिभावकों से कहा कि ऐसे मामलों में ‘ज्यादा संवेदनशीलता’ का परिचय दें.
न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर और न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता की पीठ ने दिल्ली निवासी लड़की के पिता सहित परिवार के चार सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की. न्यायालय ने लड़की से संबंधों से खफा होने के कारण प्रेमी की हत्या के जुर्म में उसके पिता और दूसरे परिजनों को यह सजा सुनायी गयी. इस मामले में 24 वर्षीय युवक की हत्या से क्षुब्ध पीठ ने कहा कि युवा वयस्कों, खासकर लड़कियों, को ज्यादा जिम्मेदार होने की जरूरत है और शादी या सहजीवन संबंधों जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने में परिपक्वता दर्शाने की आवश्यकता है.