नयी दिल्ली : सरकार वरिष्ठ नागरिकों की संतान की परिभाषा को विस्तार करने पर विचार कर रही है. इसके दायरे में दामाद व बहू, नाती-नातिन, गोद लिये व सौतेले बच्चे को लाने का प्रस्ताव है. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय ने संबंधित मसौदा प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे अंतर मंत्रालयीय परामर्श के लिए भेजा है. दरअसल, माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 में अभी तक केवल बेटे, बेटियां व पोता-पोती शामिल हैं. प्रस्ताव में यह भी है कि वरिष्ठ नागरिकों को गुजारा भत्ता बच्चों की आमदनी के मुताबिक मिले.
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बहू व दामाद भी आयेंगे अब संतान के दायरे में
नयी दिल्ली : सरकार वरिष्ठ नागरिकों की संतान की परिभाषा को विस्तार करने पर विचार कर रही है. इसके दायरे में दामाद व बहू, नाती-नातिन, गोद लिये व सौतेले बच्चे को लाने का प्रस्ताव है. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय ने संबंधित मसौदा प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे अंतर मंत्रालयीय परामर्श के लिए भेजा […]
प्रस्ताव की मुख्य बातें
गुजारा भत्ते की मौजूदा सीमा 10,000 रुपये को हटा कर,
इसे वरिष्ठ नागरिकों के बच्चों की आमदनी के अनुसार तय किया जाये
वरिष्ठ अभिभावकों को छोड़ने या दुर्व्यवहार करने वाले बच्चों को छह महीने जेल की सजा.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी व निजी क्षेत्र में उनके लिए एक समान आयु सीमा (60 वर्ष)
तय करना.
पत्र फर्जी, मरांडी तय करें जांच एजेंसी, सही हुआ तो मैं, गलत हुआ तो खुद लें संन्यास
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