कोटा (राजस्थान) : राजस्थान में एक किसान के परिवार ने दावा किया है कि लहसुन की फसल के अच्छे दाम नहीं मिलने के कारण अवसाद के चलते हृदयाघात से उसकी (किसान) मौत हो गयी. हालांकि, स्थानीय अधिकारियों ने इस दावे को खारिज किया है. किसान बारां जिले के गुराड़ी गांव का रहने वाला था. मृतक किसान रामकल्याण मीणा (60) के पुत्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है कि लहसुन की कम कीमत को लेकर अवसाद के चलते उसके पिता की शुक्रवार को हृदयाघात से मौत हो गयी.
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बेटे ने किया ये दावा
हरनावादासाहजी पुलिस थाने के प्रभारी रामहेतार परेता ने बताया कि मीणा के पुत्र ने दावा किया कि उसके पिता सात बीघा जमीन पर लहसुन की खेती करते थे, जो उन्होंने किराये पर ली थी. इसके साथ ही, उन्होंने छह लाख रुपये का कर्ज भी लिया था. शिकायत के अनुसार, उसके पिता लहसुन की फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से परेशान थे. इससे वह अवसाद में चले गये थे.
शिकायत में किसान का कर्ज दोगुना होने का दावा
शिकायत में कहा गया है कि फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान का कर्ज दोगुना हो गया था. हालांकि, पुलिस का कहना है कि उसे प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मीणा न तो लहसुन की खेती करता था और न ही उसके ऊपर कोई कर्ज था. थाना प्रभारी ने बताया कि मीणा एक खेतिहर मजदूर था. हालांकि, उसके पास छोटी सी जमीन थी, लेकिन उसका लहसुन की खेती से कोई लेना-देना नहीं था.
पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्टका इंतजार
उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की स्वाभाविक या दुर्घटनावश मौत होती है, तो उसे मुआवजा और वित्तीय सहायता पाने के लिए लहसुन की कम कीमतों को लेकर अवसाद में मौत होने के रूप में पेश किया जाता है और क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच यह एक प्रवृत्ति बन गयी है. थाना प्रभारी ने बताया कि जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसे ले जाया गया, वहां के चिकित्सकों का कहना है कि उसकी मौत हृदयाघात से होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.