23.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

आत्महत्या से पहले भय्यू महाराज ने लिखा, ”भारी तनाव से तंग आ चुका हूं”

इंदौर : हाईप्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज ने भारी मानसिक तनाव के कारण मंगलवार को यहां अपने बंगले में कथित तौर पर गोली मार कर आत्महत्या कर ली. मध्यप्रदेश सरकार ने करीब दो महीने पहले उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. लेकिन उन्होंने इस दर्जे का सरकारी लाभ लेने से इंकार कर दिया था. इंदौर […]

इंदौर : हाईप्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज ने भारी मानसिक तनाव के कारण मंगलवार को यहां अपने बंगले में कथित तौर पर गोली मार कर आत्महत्या कर ली.

मध्यप्रदेश सरकार ने करीब दो महीने पहले उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. लेकिन उन्होंने इस दर्जे का सरकारी लाभ लेने से इंकार कर दिया था. इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय शर्मा ने बताया, भय्यू महाराज ने इंदौर बाइपास रोड स्थित सिल्वर स्प्रिंग्स टाउनशिप में अपने बंगले के एक कमरे में खुद को कैद किया. फिर रिवॉल्वर को अपनी कनपटी पर रखकर घोड़ा दबा दिया.

उन्होंने बताया कि घटना के थोड़ी देर बाद भय्यू महाराज की पत्नी ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, तो उस तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. जब इसे तोड़ा गया, तो भय्यू महाराज लहुलूहान हालत में मिले. उन्हें फौरन बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

शर्मा ने बताया कि भय्यू महाराज के घर से छोटी-सी डायरी के पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट बरामद किया गया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि​ वह भारी तनाव से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं. 50 वर्षीय आध्यात्मिक संत ने इस पत्र में यह भी लिखा कि किसी न किसी व्यक्ति को उनके परिवार को जिम्मेदारी उठानी चाहिये.

एडीजी ने कहा, भय्यू महाराज के करीबी लोगों ने हालांकि तसदीक की है कि सुसाइड नोट पर आध्यात्मिक संत की ही लिखावट है. हालांकि, हम हस्तलिपि विशेषज्ञ से इसकी जांच करायेंगे. उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भय्यू महाराज किस तनाव से जूझ रहे थे.

शर्मा ने कहा,अभी भय्यू महाराज के परिवार के लोग भारी सदमे और शोक में हैं. उनसे ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी है. हालांकि, पुलिस अलग-अलग पहलुओं पर मामले की विस्तृत जांच कर रही है. डीआईजी ने बताया कि भय्यू महाराज के घर से वह रिवॉल्वर भी बरामद किया गया है जिससे उन्होंने गोली मारकर खुदकुशी की. यह पता किया जा रहा है कि इस हथियार का लायसेंस किसके नाम पर है.

भय्यू महाराज के शव को बॉम्बे अस्पताल से सरकारी एम वाई हास्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. भय्यू का बचपन का नाम उदय सिंह देशमुख था और वह मध्यप्रदेश के शुजालपुर कस्बे के रहने वाले थे. वह जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे. इसी बीच, इंदौर के कलेक्टर निशांत वरवड़े ने बताया कि भय्यू ने किन परिस्थितियों में आत्महत्या की है, यह जांच का विषय है और उसी के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि उन्होंने खुदकुशी क्यों की.

घटना की जानकारी मिलने के बाद बड़ी तादाद में उनके समर्थक बॉम्बे अस्पताल के सामने इकट्ठे हो गये थे. अपने आध्यात्मिक जीवन एवं विभिन्न सामाजिक कार्यों के करने के चलते भय्यू देश के विभिन्न भागों विशेषकर महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश में बहुत लोकप्रिय थे. शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपानीत मध्यप्रदेश सरकार ने इस साल अप्रैल में पांच अन्य संतों के साथ भय्यू को भी राज्यमंत्री के दर्जे से नवाजा था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से यह कह कर मना कर दिया था कि ‘एक संत के लिए पद का कोई महत्व नहीं है’.

भय्यू के एक शिष्य ने बताया कि कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यू महाराज अब गृहस्थ संत थे। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके ही देखरेख में चलता है. उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है. उनके कई अनुयायी हैं, जिनमें नेता एवं फिल्म स्टार शामिल हैं.

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख एवं प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर भी भय्यू का आशीर्वाद लेने इंदौर स्थित उनके आश्रम आ चुके हैं. प्रधानमंत्री बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी तीन दिवसीय सद्भावना उपवास पर बैठे थे. यह उपवास उन्होंने सितंबर 2011 में अहमदाबाद में किया था. तब इस उपवास को खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज को आमंत्रित किया था और भय्यू ने मोदी को जूस पिला कर उनका उपवास तुड़वाया था.

उनका हाईप्रोफाइल लोगों से नाता रहा है. समाजसेवी अन्ना हजारे के नेतृत्व में जब ‘इडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन अपनी चरम सीमा पर था, तब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन यूपीए की केंद्र सरकार ने भय्यू को अपना दूत बनाकर भेजा था.

भय्यूजी ने ही आंदोलनकारियों के साथ बातचीत कर उनके अपने हाथ से जूस पिला कर उनका अनशन तुड़वाया था. भय्यू महाराज ने पिछले साल 49 की उम्र में मध्यप्रदेश के शिवपुरी की डॉ. आयुषी शर्मा के साथ दूसरी शादी की थी. दरअसल उनकी पहली पत्नी माधवी की नवंबर 2015 में मौत होने के बाद बेटी कुहू का ख्याल रखने के लिए ही ये शादी की थी. उनके परिवार में उनकी पत्नी आयुषी एवं बेटी कुहू हैं.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर लिखा, राष्ट्रसंत श्री भय्यू जी महाराज के अवसान से उन अनगिनत लोगों को व्यक्तिगत क्षति हुई है जिन्हें अपने आध्यात्मिक ज्ञान से उन्होंने जीवन जीने की राह दिखाई. नर्मदा सेवा मिशन से उनके जुड़ाव एवं पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में किए गए कार्य को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.

चौहान ने लिखा, संत भय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि. देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया. आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे.

भैयू महाराज के संचालित सूर्योदय आश्रम के एक अधिकारी ने बताया कि आध्यात्मिक संत का पार्थिव शरीर बापट चौराहा स्थित उनके स्थानीय आश्रम में बुधवार सुबह अंतिम दर्शन के लिये रखा जाएगा. विजय नगर क्षेत्र के मुक्तिधाम में बुधवार दोपहर उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें