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नयी दिल्ली : सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं जो पिछले साल के 2.74 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 7.81 फीसदी ज्यादा है. संसद में गुरुवारको पेश आम बजट में कुल रक्षा बजट के तहत सेना के तीनों अंगों के लिए नये हथियारों, […]

नयी दिल्ली : सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं जो पिछले साल के 2.74 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 7.81 फीसदी ज्यादा है. संसद में गुरुवारको पेश आम बजट में कुल रक्षा बजट के तहत सेना के तीनों अंगों के लिए नये हथियारों, विमानों, जंगी जहाजों और अन्य सैन्य साजो-सामान की खरीद के लिए 99,947 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गयी है.

रक्षा बजट 2018-19 के लिए निर्धारित कुल 24,42,213 करोड़ रुपये के आवंटन का 12.10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में देश की सीमाओं पर चुनौतियों से निपटने और जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर दोनों क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा माहौल को प्रबंधित करने में सशस्त्र बलों की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन कॉरिडोर विकसित करेगी और घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल सैन्य उत्पादन नीति लेकर आयेगी. जेटली ने कहा कि 2017-18 में रक्षा बजट के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में आवंटन में वृद्धि 5.91 प्रतिशत और 2.74 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान की तुलना में वृद्धि 7.81 प्रतिशत है.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आवंटित 2,95,511 करोड़ रुपये में से 99,947 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं जो सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण पर खर्च किये जायेंगे. रक्षा क्षेत्र के राजस्व व्यय के लिए 1,95,947 करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं जिसमें वेतन, प्रतिष्ठानों के रख-रखाव और अन्य संबंधित व्यय शामिल हैं. रक्षाकर्मियों के पेंशन के लिए इन आवंटनों से इतर 1,08,853 करोड़ रुपये की एक पृथक राशि का प्रावधान किया गया है. रक्षा पेंशन के लिए राशि में पिछले साल के 85,740 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 26.60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जेटली ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्ष में रक्षाबलों की अभियानगत क्षमता को आधुनिक बनाने और मजबूत करने पर काफी जोर दिया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘सरकार देश में दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन गलियारा के विकास के लिए कदम उठायेगी.’ जेटली ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के जरिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल ‘रक्षा उत्पादन नीति 2018′ भी लेकर आयेगी. उन्होंने कहा कि देश को रक्षा जरूरतों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के वास्ते भारत की मूल रक्षा उत्पादन क्षमता के विकास के लिए कई पहल शुरू की गयी हैं. मंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को उदार बनाने के साथ-साथ निजी निवेश के द्वार खोल दिये गये हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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