बेंगलुरु/चित्रदुर्गा : कर्नाटक में इस वर्ष होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और सत्तारुढ़ कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है.भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को नव कर्नाटक परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करते हुए चित्रदुर्गा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, यह हिंदू विरोधी और वोटों की राजनीति करनेवालीसरकार है. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के खिलाफ सभी केसों को वापस ले लिया गया, जो कि भारत विरोधी संगठन है. उन्होंने कहा कि मैं यहां मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सवालों का जवाब देने आया हूं कि केंद्र सरकार ने कर्नाटक के लिए क्या किया.
वहीं, कर्नाटकके मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पलटवार करते हुए कहा, भाजपा, आरएसएस, बजरंग दल में अतिवादी और कट्टरपंथी तत्व भरे हुए हैं. जो भी शांति में खलल डालेगा, उसे हमारी सरकार नहीं छोड़ेगी. हम ऐसा करनेवाले किसी को भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. सिद्धारमैया ने कहा, एनआईए लगातार पीएफआई को निशाना बना रही है और उनकेपांच लोगों पर चार्जशीट दायर की जा रही है. उन्होंने कहा, क्या सरकार पीएफआई को बैन कर रही है? अगर ऐसा है तो आरएसएस और बजरंग दल भी आतंकवादी हैं, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.
अमित शाह ने कहा, यूपीए शासन के दौरान 13वें वित्त आयोग के तहत कर्नाटक के लिए 8,583 करोड़ रुपये जारी किये गये थे, जबकि हमारी सरकार ने 14वें वित्त आयोग के तहत राज्य को 2 लाख 19 हजार करोड़ रुपये जारी किये हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कांग्रेस से पूछा, केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया पैसा कहां गया? क्या यह आपके गांवों तक पहुंचा? आप गांव में किसी कांग्रेसी कार्यकर्ता के घर को देखिये, जोपांच साल पहले छप्पर के घर में रहता था, वो अब चार मंजिला इमारत में रहता है. घर के सामने एक महंगी कार भी खड़ी नजर आ जायेगी.
सिद्धारमैया के बयान के बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि सिद्धारमैया चुनाव का ध्रुवीकरण कर रहे हैं. एक तरफ वो भाजपा-आरएसएस को आतंकी संगठन कह रहे हैं, दूसरी तरफ स्थानीय कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश भाजपा पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. भाजपा ने कहा कि आज इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री नहीं हैं.
गौरतलब है कि कर्नाटक में इस वर्ष अप्रैल माह में विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं और भाजपा यहां अपनी पूरी ताकत झोंक देना चाहती है. राज्य की 225 विधानसभा सीटों में से मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 121, भाजपा के पास 40 और जनता दल (एस) के पास 40 सीटें है. बाकी 24 सीटें अन्य के पास है. पार्टी ने यहां 224 विधानसभा सीटों में से 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है.