नयी दिल्ली : नशे में गाड़ी चलाने (ड्रंक ऐंड ड्राइव) से होने वाली मौत पर दोषी को ज्यादा सख्त सजा के लिए तैयार रहना होगा. जी हां, इसे लेकर सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है.
फिलहाल, ऐसे किसी केस में सेक्शन 304 A के तहत सजा के तौर पर दो साल की जेल, फाइन या दोनों होते हैं. लेकिन अब सरकार इस ‘अपराध’ के लिए सजा की अवधि बढ़ा कर 7 साल जेल करने की तैयारी कर रही है.
संसदीय कमिटी ने राज्यसभा में शुक्रवार को मोटर व्हीकल्स (अमेंडमेंट) बिल की रिपोर्ट जमा की. इसमें रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने 15 मुद्दों को लेकर ऐक्ट में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. इनमें से एक प्रस्ताव नशे में दुर्घटनाओं से होनेवाली मौत में सजा की अवधि बढ़ाने का भी है.
यहां यह जानना गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट भी ड्रंक ऐंड ड्राइव से होने वाली मौतों के मामलों में टिप्पणी कर चुका है. कोर्ट ने मौजूदा सजा को अपर्याप्त बताते हुए और भी सख्त सजा दिये जाने की वकालत की थी.
इससे पहले एक स्टैंडिंग कमिटी ने नशे में ड्राइवर्स से होने वाली मौतों के मामलों में गैर इरादतन हत्या का मामला चलाये जाने का सुझाव दिया था.
यही नहीं, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के समय ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य करने की भी सरकार की तैयारी है. बताते चलें कि देश में कुल वाहनों में से कम से कम आधे वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं है. इनमें से अधिकतर दोपहिया वाहन हैं. ऐसे वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को हर्जाना नहीं मिल पाता है.
इसके अलावा, ट्रैफिक रूल्स से जुड़े नये नियम और कानूनों को लागू करने, वाहनों की स्पीड को कंट्रोल करने और 500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाले वाणिज्यिक वाहनों में दो ड्राइवर्स का होना अनिवार्य किये जाने की भी सरकार की तैयारी है.