मुंबई : महाराष्ट्र के गोंदिया से भाजपा के सांसद नानाभाऊ पटोले ने लोकसभा की सदस्यता से आज इस्तीफादेदिया है. वे अपनी पार्टी की किसानों को लेकर नीति से नाराज हैं. लोकसभा सदस्यता छोड़ने के बाद आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. पहले भी वे समय-समय पर किसानों के मुद्दे उठाते रहे हैं और अपनी ही पार्टी को घेरते रहे हैं. पिछले दिनों अपने गृहप्रदेश महाराष्ट्र में पूर्व वित्तमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में चले किसान आंदोलन में भी वे शामिल हुए थे.
नानाभाऊ पटोले 2014 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल को चुनाव हराकर संसद पहुंचे थे. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि प्रफुल्ल पटेल की भाजपा से बढ़ती नजदीकी से वे नाराज हैं और इसी वजह से वे नया राजनीतिक ठिकाने की तलाश में हैं, जो कांग्रेस हो सकती है. प्रफुल्ल पटेल के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अच्छे रिश्ते बने हैं. नानाभाऊ के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से गुप्त मुलाकात की भी खबरें हैं. ऐसे में उन्होंने गुजरात चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले संसद से इस्तीफा देकर भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है.
पटोले ने कहा है कि भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने पर उन्होंने किसानों के मुद्दे सरकार के समक्ष उठाये थे, जिसे नहीं सुना गया और इसी वजह से उन्होंने पार्टी के सांसद पद से इस्तीफा दिया है. पटोले ने अगस्त महीने में महाराष्ट्र की भाजपा सरकार की किसानों का कर्ज माफ किये जाने के मुद्दे पर आलोचना की थी. जहां विपक्ष ने किसानों के मुद्दे को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है.