प्रतिनिधि, खलारी.
खलारी के करकट्टा छह नंबर दुर्गा मंडप में दशहरा वर्ष 1964 से वैदिक विधि व बंगाली विधि से हो रही है. नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ हीं दुर्गोत्सव में शंखनाद और मंत्र “या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ की गूंज सुनायी देने लगती है. संस्कृत पाठ और मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण ऊर्जावान हो जाता है. पूरे नवरात्र भक्तिभाव बहता रहता है. ऐसे में बंगाली विधान दुर्गा पूजा महोत्सव देखने के लिए खलारी-पिपरवार सहित आसपास के लोग आते हैं. करकट्टा में बहुत ही अलग अंदाज और परंपरा के साथ दुर्गा पूजा मनायी जाती है.बंगाली और कायस्थ परिवारों ने की थी पूजा की शुरुआत :
करकट्टा में पूजा की शुरुआत बंगाली और कायस्थ परिवार ने संयुक्त रूप से शुरू की थी. पंडित अनादि गोस्वामी, सुनील दत्ता, अनिल दत्ता, निवारण प्रसाद, सुनील चंद्र कर, रामगोपाल बनर्जी व कायस्थ फैमिली में नर्मदा प्रसाद, तपेश्वरी प्रसाद, डीएन राय, बैजनाथ प्रसाद, सतीश प्रसाद की मुख्य भागीदारी निभायी थी.1978 में मंडप का द्वार दक्षिण की ओर किया गया :
करकट्टा दुर्गा मंडप का द्वार पश्चिम की ओर हुआ करता था. वर्ष 1978 में मंडप का द्वार दक्षिण की ओर किया गया. उसके बाद गजेंद्र नारायण सिंह, बालकिशोर शर्मा, गजेंद्र प्रसाद, धीरेंद्र प्रसाद, एसके कर, इंद्रजीत प्रसाद, फूलेश्वर यादव, बबन सिंह आदि के योगदान से दुर्गा पूजा पर विशेष आयोजन किया जाने लगा.मूर्ति पूजन के लिए पुरुलिया से आते हैं बंगाली ब्राह्मण :
मूर्ति पूजन के लिए बंगाली ब्राह्मण पुरुलिया से आते हैं. बंगला डाक के अनुसार विशेष रूप से आरती होती है. सप्तमी, अष्टमी और नवमी को सैकड़ों की संख्या में आसपास क्षेत्र से श्रद्धालू आरती में शामिल होते हैं. तीनों दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों को महाभोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है.वर्ष 2022 से शुरू हुआ कन्या पूजन:
वर्ष 2022 से कन्या पूजन की शुरुआत हुई है. दसवीं को महिलाओं द्वारा मां की विदाई पर सिंदूर खेला का आयोजन किया जाने लगा. सिंदूर खेला काफी आकर्षक होता है. रावण दहन का भी आयोजन किया जाता है. रावण दहन कमेटी इस बार करकट्टा दुर्गा मंडप स्थित ग्राउंड में आयोजन कर रही है.दुर्गा अष्टमी को होगा भक्ति जागरण :
करकट्टा दुर्गा मंडप में दुर्गा पूजा महोत्सव के सफल आयोजन को लेकर पूजा कमेटी की तैयारियां जोरों पर हैं. पूजा कमेटी के सचिव संजीव रंजन सिंह पिंटू ने बताया कि हाल ही में बैठक कर अष्टमी के दिन भक्ति जागरण कराने का निर्णय लिया गया. बैठक में कमेटी के शिवनारायण प्रजापति, विकास कुमार सिन्हा, सुधीर सिंह, सुजीत कुमार, अभिमन्यु, हृदय नारायण, उमेश कुमार व दुर्गा पूजा और रावण दहन कमेटी सहित करकट्टा वासी उपस्थित थे.मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण है ऊर्जावान
26 खलारी01, करकट्टा दुर्गा पूजा पंडाल का प्रारूप.B
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