-भूमि-अधिग्रहण और पाइपलाइन का मामला पहले से अटका है, अब बाकी कार्य भी पड़ा सुस्त
ब्रजेश, भागलपुरशहर की प्यास बुझाने वाली महत्वाकांक्षी जलापूर्ति-2 योजना 11 साल बाद भी अधूरी है. कभी एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के वित्तपोषण से शुरू हुई इस परियोजना की प्रगति शुरू से ही सुस्त रही.अब राज्य योजना मद से इसे पूरा करने की कोशिश हो रही है, लेकिन फंड की कमी फिर से बड़ी बाधा बन गयी है. पिछले आठ महीनों से इस योजना के लिए राशि आवंटित नहीं की गयी है. आखिरी बार 30 दिसंबर 2024 को 20 करोड़ रुपये मिले थे. इसके बाद अब तक एक भी किस्त जारी नहीं हुई. इस बीच एजेंसी द्वारा बुडको को लगभग पांच करोड़ रुपये का बिल भेजा गया है, जो लंबित है. बिल पास न होने से काम की रफ्तार थम सी गयी है.
फंड की कमी के कारण जलमीनार समेत अन्य कई अहम निर्माण कार्य अधूरे हैं. वहीं, भू-अधिग्रहण और पाइपलाइन का मामला अलग ही अटका हुआ है. लोगों को परेशानी इस वजह से भी झेलनी पड़ रही है कि कुछ इलाकों में ऑपरेटरों द्वारा कई बार कहने के बाद ही पानी की आपूर्ति की जाती है.बुडको के अधिकारी मानते हैं कि फंड नहीं मिलने के कारण प्रगति प्रभावित है. उन्होंने हाल ही में नगर विधायक से मुलाकात कर लंबित राशि दिलवाने और काम की रफ्तार बढ़ाने में सहयोग का अनुरोध किया है. इधर, यही हाल जलापूर्ति-2 योजना की है. लोगों को उम्मीद है कि जल्द फंड की उपलब्धता होगी और वर्षों से अधूरी पड़ी यह योजना पूर्ण होकर शहर की प्यास बुझा सकेगी.
जलापूर्ति-2 योजना एक नजर में
एडीबी का लोन अवधि पूरी होने के बाद रिवाइज प्रशासनिक स्वीकृति: 331.35 करोड़ रुपयेराज्य मद से आवंटन योग्य राशि : 208.67 करोड़आवंटन के बाद अवशेष राशि: 119.67 करोड़ रुपये
जलापूर्ति-1 योजना के लिए डेढ़ साल से नहीं मिला फंड
जलापूर्ति-1 योजना का हाल भी योजना-2 से बेहतर नहीं है. इस योजना के लिए भी डेढ़ साल से कोई फंड नहीं मिला है. आखिरी बार 11 मार्च 2024 को 15 करोड़ की राशि आवंटित हुई थी. इसके बाद से कोई राशि इस योजना पर नहीं दी गयी है. स्वीकृत योजना के विरूद्ध देनदारी की राशि 208.67 करोड़ रूपये के करीब है.कोट
जलापूर्ति योजना के लिए फंड नहीं आया है. कार्य की उपलब्धता के आधार पर एजेंसी का बिल भी लंबित है. धीमी पड़ी कार्य प्रगति में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है.अखिलेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंताबुडको, भागलपुर
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