चौपारण. सिंघरांवा के पास जीटी रोड पर बने फ्लाइओवर की दीवार बनने के कुछ ही दिन बाद धंसने लगी है. इससे जहां लोगों में आक्रोश है, वहीं निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो गये हैं. करोड़ों रुपये की लागत से इस फ्लाइओवर का निर्माण यातायात सुगम बनाने के उद्देश्य से किया गया है. पर निर्माण के इतने कम समय में ही इसकी दीवार का धंस जाना एनएचएआइ और निर्माण एजेंसी राज केसरी कंपनी की कार्यशैली पर सवाल कर रहा है. मुखिया संघ अध्यक्ष वीरेंद्र रजक ने कहा कि फ्लाइओवर निर्माण की शुरुआत में ही निम्न स्तर की सामग्री के इस्तेमाल करने पर चर्चा हो रही थी. इसकी शिकायत भी स्थानीय लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों से की थी, जिसे अधिकारियों ने अनदेखी कर दी. अब कुछ ही दिनों में दीवार धंसने से इस बात की पुष्टि हो रही है कि काम में भारी लापरवाही और भ्रष्टाचार हुआ है. यह केवल सरकारी धन की बर्बादी ही नहीं, बल्कि लोगों की जान से खिलवाड़ भी है.
फ्लाइओवर से होकर रोजाना गुजरती हैं हजारों गाड़ियां
इस फ्लाइओवर से होकर रोजाना हजारों यात्री वाहन व मालवाहक गाड़ियां गुजरती हैं. ऐसे में जरा सी चूक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है. हल्की बारिश में ही दीवार धंसने लगी है. संयोग है कि कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. मुखिया संघ अध्यक्ष वीरेंद्र रजक ने इस संबंध में डीसी को पत्र लिखकर फ्लाइओवर निर्माण में लगी सामग्री की गुणवत्ता की जांच कराने का मांग की है. इधर, मामले को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. लोग दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में ऐसे हादसे आम हो जायेंगे.
आवागमन शुरू होते ही सड़क पर पड़ने लगी थी दरार
फ्लाइओवर निर्माण के बाद आवागमन बहाल होने के महज कुछ दिन बाद ही सड़क पर दरारें पड़ने लगीं. बीच-बीच में आवागमन रोककर कंपनी द्वारा दरारों की लीपा-पोती कर पुनः रोड को चालू कर दिया गया. सड़क पर पड़ी दरारों को लेकर मिली शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब फ्लाइओवर की दीवार ही धंसने लगी है. वहीं सिक्स लेन एवं फ्लाइओवर का काम कर रही कंपनी की शिकायत राज्य सरकार से केंद्र सरकार तक पहुंच चुकी है. समय सीमा पर कार्य नहीं होने के कारण सिंघरांवा से चोरदाहा के बीच आये दिन दुर्घटना में लोगों की असामयिक मौत हो रही है.
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