हजारीबाग. विनोबा भावे विश्वविद्यालय की डिग्री वितरण व्यवस्था छात्रों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनी हुई है. विश्वविद्यालय ने यूजी, पीजी और वोकेशनल कोर्स के पासआउट छात्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी है, लेकिन यह केवल कागजों तक सीमित नजर आ रही है. बुधवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं डिग्री लेने पहुंचे, जिनमें कई बाहर से आये थे. छात्रों का कहना था कि ऑनलाइन व्यवस्था दिखावा साबित हो रही है, क्योंकि उन्हें अब भी मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. छात्रों ने बताया कि रिजल्ट से पहले ही डिग्री शुल्क जमा किया गया था, फिर भी फार्म डाउनलोड कर प्रिंट कराना पड़ता है और 100 रुपये अतिरिक्त शुल्क भी देना पड़ रहा है. एनएसयूआइ जिला अध्यक्ष अभिषेक राज कुशवाहा ने परीक्षा नियंत्रक से मिलकर जल्द डिग्री वितरण की मांग की. उन्होंने कहा कि 2022 के बाद से दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं हुआ और लाखों डिग्रियां लंबित हैं. छात्रों का आरोप है कि जिनका शुल्क जमा है, उनकी डिग्रियां नियमानुसार घर तक पहुंचनी चाहिए थीं, लेकिन विवि प्रशासन की लापरवाही से यह संभव नहीं हो रहा. वहीं, जेपीएससी द्वारा जारी जेट परीक्षा फॉर्म में डिग्री की अनिवार्यता ने छात्रों की मुश्किल और बढ़ा दी है. कुलपति की अनुपस्थिति से छात्रों में आक्रोश है.
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