सीवान. आरटीई के तहत निःशुल्क पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सत्र 2019-2020 से प्रतिपूर्ति राशि नहीं मिलने पर निजी विद्यालयों के संचालकों ने भूख हड़ताल एवं आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में संचालकों ने डीइओ को ज्ञापन सौंपा है. निजी विद्यालयों का कहना है कि 140 निजी विद्यालयों के संचालको को आरटीई के अन्तर्गत निःशुल्क पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सत्र 2019-2020 से सत्र 2023-2024 तक जाँच-पड़ताल के बाद भी प्रतिपूर्ति की राशि नहीं मिलने के कारण अनेक आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं. शिक्षा विभाग की इस उदासीनता के कारण निजी विद्यालयों के संचालक भूख हड़ताल एवं आमरण अनशन पर जाने का निर्णय लिया है. संचालकों ने डीइओ से मांग किया है कि अपनी स्थिति स्पष्ट करें अन्यथा की स्थिति में निजी विद्यालयों के संचालक आने वाले सप्ताह में भूख हड़ताल एवं आमरण अनशन पर चले जायेंगें. शिक्षामंत्री से मिलकर संघ ने रखी मांग सीवान. प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेल वेलफेयर एसोसियेशन सीवान का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष शमायल अहमद के नेतृत्व में शुक्रवार को पटना में शिक्षा मंत्री से मुलाकात की. सचिव शिवजी प्रसाद ने बताया कि शिक्षा मंत्री से मुलाकात का उद्देश्य निजी विद्यालयों द्वारा मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत पढ़ाए गएयेबच्चों के बकाया राशि का भुगतान सत्र 2019-20 से लेकर सत्र 2024-25 तक कराना था. सचिव ने बताया कि शिक्षा विभाग बकाये के सत्यता की जांच हेतु जिला पदाधिकारी को पत्र के माध्यम से अवगत करते हुए जिले के वैसे विद्यालयों के जांचोपरांत बकाये राशि की भुगतान करने का आदेश जारी किया. परंतु ग्यारह माह बीत जाने के बाद भी अभी चिह्नित 140 विद्यालयों का जांच पूरा नहीं हो पाया है. 140 विद्यालयों की जांच के लिए 70 पदाधिकारी नामित किए गए है, फिर भी अभी तक निरीक्षण कार्य पूरा नहीं हो सका. बताया कि बकाए राशि का भुगतान नहीं होने से कहीं न कहीं सरकार की छवि धूमिल हो रही है. बतौर सचिव शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने 30 सितंबर तक बकाये के भुगतान की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. मौके पर को-ऑर्डिनेटर आशीष कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे.
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