भभुआ सदर. नगर पर्षद भभुआ में बुधवार को सैरातों के टेंडर में सभापति और कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा मनमानी करने और अपने लोग को टेंडर दिलाने का आरोप लगाते हुए उप मुख्य पार्षद प्रतिनिधि सहित कई पार्षदों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए हंगामा किया. उप मुख्य पार्षद प्रतिनिधि मंटू सिंह सहित पार्षद प्रमोद पाठक, परमानंद केशरी, पिंटू कुमार आदि का आरोप था कि बुधवार को नगर पर्षद क्षेत्र के लिए वाहन स्टैंड सहित सैरातों की नीलामी की तारीख रखी गयी थी. लेकिन, बुधवार को केवल शहर में यूनिपोल और होर्डिंग्स आदि विज्ञापन लगाने को लेकर टेंडर हुआ. इसमें भी सभापति व कार्यपालक की मिलीभगत के चलते टेंडर में शामिल होने के लिए दो संवेदकों की रसीद नाजिर द्वारा नहीं काटी गयी. जबकि, दोनों संवेदक 11 बजे से ही रसीद कटाने के लिए बैठे हुए थे. लेकिन, उन्हें दो घंटे तक इधर-उधर दौड़ाया गया और फिर उन्हें लेट से रसीद कटाने का कहते हुए टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने से रोक दिया गया. इसके चलते दोनों संवेदक टेंडर में शामिल नहीं हो सके. और इओ की सहमति से सभापति ने मनमाने तरीके से शहर में दो साल के लिए विज्ञापनों का अधिकार नौ लाख 55 हजार में डेहरी के राज एडवरटाइजिंग एजेंसी को दे दिया. जबकि यह एजेंसी पूर्व में भी नगर पर्षद क्षेत्र में विज्ञापन लगाने का काम कर रही थी. अगर पारदर्शी तरीके से इस टेंडर को किया जाता, तो नगर पर्षद को और चार से पांच लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति होती. उप सभापति का कहना था कि बिना बोर्ड के बैठक के हुए इस टेंडर को वह लोग नही मानेंगे. इसलिए सभापति इस टेंडर को रद्द करें और दो अप्रैल को होनेवाली बोर्ड की बैठक में इसको लाये और पारदर्शी तरीके से पुनः टेंडर करें. तभी पार्षद मानेंगे, नहीं तो इसका जबरदस्त तरीके से विरोध किया जायेगा. = पांच रुपये की टोंटी नगर पर्षद में हो रही सौ रुपये में खरीद: टेंडर प्रक्रिया में मनमानी करने को लेकर आक्रोश जता रहे पार्षद परमानंद केशरी, प्रमोद पाठक का कहना था कि मुख्य पार्षद और इओ की मिलीभगत और मनमानी से नगर पर्षद, भभुआ लूट-खसोट और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. नगर पर्षद में पांच रुपये की नल की टोंटी का सौ रुपये भुगतान किया जाता है. इसके अलावा भी नाली-गली के निर्माण, लाइट सहित एडवरटाइजिंग, साफ-सफाई में लूट-खसोट मचा हुआ है. यहां तक कि मुख्य पार्षद और इओ की मिलीभगत से आउटसोर्सिंग के माध्यम से अपने लोगों की बहाली कर दी गयी. इसका विरोध करते हुए पार्षदों ने बहाली को रद्द करने का आवेदन भी इओ को दिया, लेकिन पार्षदों के आवेदन पर कोई फैसला नहीं लिया गया और उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. = देर से पहुंचने के चलते संवेदक को टेंडर में भाग लेने से रोका गया नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय के अनुसार, ढाई बजे से शहर में यूनिपोल और होर्डिंग के माध्यम से विज्ञापन लगाने का टेंडर आयोजित था. लेकिन, दोनों संवेदकों द्वारा समय से रसीद जमा नहीं किया गया, जिसके चलते मुख्य पार्षद द्वारा नियमानुसार दोनों को टेंडर में शामिल होने से रोक दिया गया. टेंडर में दो एजेंसियां शामिल हुइ्र थी, जिसमें डिहरी के राज एडवरटाइजिंग एजेंसी को शहर में विज्ञापन लगाने का अधिकार दिया गया है.
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