श्वेता जायसवाल
कंसल्टेंट डाइटीशियन नगरमल मोदी सेवा सदन बरियातु, रांची
एनिमिया का अर्थ है, शरीर में खून की कमी. हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन ऐसा तत्व है, जो शरीर में खून की मात्रा बताता है. पुरुषों में इसकी मात्रा 12-16 फीसदी व महिलाओं में 11-14 फीसदी होनी चाहिए. एनिमिया तब होता है, जब हमारे खून में लाल रक्त कणों (RBC) या कोशिकाओं के नष्ट होने की दर उसके निर्माण की दर से अधिक हो. किशोरावस्था और मेनोपॉज की आयु के बीच एनिमिया सबसे अधिक होता है. यह गर्भवती व गर्भस्थ शिशु में अधिक पाया जाता है, क्योंकि गर्भवती उतनी मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं कर पाती है. इसके मुख्य लक्षण हैं, त्वचा का सफेद होना, जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी एवं अधिक थकावट, चक्कर आना, बेहोश होना, सांस फूलना, हृदय गति तेज होना, चेहरे एवं पैरों में सूजन.
एनिमिया से बचने के उपाय
फायटेट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फलियों और साबूत अनाज से आयरन का अवशोषण करना मुश्किल होता है. अधिक काॅफी, ग्रीन टी, काली चाय से भी आयरन के अवशोषण मे समस्या हो सकती हैं. जिन लोगों को फोलेट की कमी के कारण एनिमिया हुआ, उन्हें शराब का सेवन को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए. यह शरीर में फोलेट का अवशोषण नहीं होने देता है. प्राकृतिक खाद्य पदार्थ आयरन एवं विटामिन का समृद्ध स्रोत हैं. आयरन और विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ एनिमिया से बचाव के लिए सबसे बेहतर होते हैं. ये शरीर में आयरन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं. पालक एक पत्तेदार सब्जी है, जो आयरन, कैल्शियम, फाइबर और ऑकजलेट से भरपूर होता है. पालक हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को बेहतर बनाने और एनिमिया के लक्षणों को कम करने में मदद करता है. अपने आहार में पालक को शामिल करने से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है. टमाटर में काफी मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो आयरन के अवशोषण में मदद करता है. इसलिए शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाने के लिए कच्चे टमाटर का सेवन प्रतिदिन करें. चुकंदर आयरन का प्रमुख स्रोत है. यह शरीर में लाल रक्त कणों की संख्या को भी बढ़ाता है. लाल मांस भी आयरन का अच्छा स्रोत है. यह पशु खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जो शरीर में शीघ्र अवशोषित हो जाता है. इसलिए एनिमिया पीड़ित व्यक्ति को यकृत, किडनी और हृदय को सुरक्षित रखने के लिए लाल मांस का उपयोग करना चाहिए. अंडों में आयरन का अभाव होता है, लेकिन यह कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है. एनिमिया से पीड़ित लोगों को अपने प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन अंडा का सेवन करना चाहिए.
पीनट बटर में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है. प्रतिदिन दो चम्मच पीनट बटर का सेवन करके शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है. खजूर, किशमिश, सूखी खुबानी और आडू जैसे फल आयरन और विटामिन-सी से भरपूर होते हैं. विटामिन-सी रक्त के जरिये आयरन के अवशोषण में मदद करता है. अनार विटामिन-सी और फोलेट का अच्छा स्रोत है. यह आयरन के अवशोषण में भी मदद करता है. सूखे मेवे, अखरोट, मूंगफली, पिस्ता आयरन के अच्छे स्रोत हैं. यह आयरन के स्तर को बढ़ाने में काफी मददगार हैं. अपने नाश्ते में हल्के भोजन के रूप में इसका इस्तेमाल करें. मछलियों में भी आयरन होता है, जो शरीर में शीघ्र अवशोषित होता है. एनिमिक लोग समुद्री मछली को आहार में शामिल करें. केला पोटैशियम व आयरन का अच्छा स्रोत है. इसके अलावा साबूत अनाज वाले ब्रेड भी आयरन के अच्छे स्रोत हैं और खून की कमी को पूरा करने में मददगार हैं.
एनिमिया के मुख्य कारण : इसका मुख्य कारण है लौह तत्व वाली चीजों का उचित अनुपात में सेवन न करना. फोलिक एसिड एवं रक्त में विटामिन B12 की कमी हो जाना, मलेरिया के बाद लाल रक्त कोशिकाओं का नष्ट हो जाना, किसी भी कारण रक्त की कमी, शरीर से खून निकलना, शौचालय, उल्टी, खांसी के साथ खून आना, माहवारी में अधिक खून रिसना, पेट के कीड़ों एवं परजीवियों के कारण खूनी दस्त, पेट के अल्सर से खून आना, बार-बार गर्भधारण करना आदि.