नृत्य-संगीत केवल शौक नहीं है. कई लोग इसे जुनून की हद तक जीते हैं. ऐसे ही कुछ लोगों ने अपने इस जुनून को आर्थिक आत्मनिर्भरता का आधार बना रखा है. ऐसी ही एक शख्सियत हैं- प्रियंका सिंह…
रांची : मूल रूप से झारखंड की राजधानी रांची की रहनेवाली प्रियंका सिंह और उनकी छोटी बहन को बचपन से ही नृत्य और संगीत का शौक था. स्कूल और कॉलेज स्तर पर उन्होंने विभिन्न डांस प्रोग्राम्स में कई पुरस्कार भी जीते हैं. शादी के बाद पति और ससुरालवालों का भी उन्हें फुल सपोर्ट मिला. इस वजह से प्रियंका ने अब तक अपने इस शौक को बनाये रखा है. आज वह रांची के दो इलाकों- हरमू और हीनू में अपनी डांस एकेडमी का संचालन कर रही हैं, जिसमें करीब 100 से ऊपर बच्चे नृत्य और संगीत का प्रशिक्षण लेते हैं.
मुंबई में टॉरेंस डांस एकेडमी से लिया प्रशिक्षण
प्रियंका और उनकी बहन ने वर्ष 2007 में अपने घर पर ही आस-पड़ोस के कुछ बच्चों को इकट्ठा करके डांस सिखाना शुरू किया. चार वर्षों बाद प्रियंका मुंबई चली गयीं, वहां के टॉरेंस डांस एकेडमी ने खुद नृत्य का विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए. आगे 2016 तक वह मुंबई में ही रहीं और इस दौरान उन्होंने कई स्टेज परफॉर्मेंस भी किये. इसके अलावा टीसीएस जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रोग्राम के लिए डांस कोरियोग्राफी की. इसी दौरान प्रियंका की शादी हो गयी. उनके पति पुणे की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत हैं.
घरेलू परिस्थितियों के कारण वापस लौटीं रांची
प्रियंका अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं. छोटी बहन फिलहाल बॉलीवुड में कोरियोग्राफर हैं और भाई भी बॉलीवुड में ही न्यूट्रिशियन हैं. वे दोनों भी मुंबई में ही सेटल हैं. कुछ सालों पूर्व जब प्रियंका के पिता की मृत्यु हुई, तो उन्होंने अपनी मां के पास आकर रहने का फैसला लिया, ताकि उनके भाई-बहन को अपने कैरियर से समझौता न करना पड़े. प्रियंका कहती हैं- ”आज मैं जो कुछ भी कर पा रही हूं, वह सब मेरे हसबैंड और इनलॉज के अनकंडीशनल सपोर्ट की वजह से ही संभव हो सका है. पति भी अब यहीं मेरे साथ ही रहते हैं और यहीं से अपना काम हैंडल करते हैं.”
फॉक और वेस्टर्न डांस की ट्रेनिंग
प्रियंका छोटे बच्चों से लेकर किशोर और बड़ी उम्र की महिलाओं को फॉक डांस (गरबा, गिद्धा, भांगड़ा, छऊ आदि) और वेस्टर्न डांस (वैले, जैज, हिपहॉप आदि) की ट्रेनिंग देती हैं. टैलेंटेड, लेकिन गरीब बच्चों को हर संडे चैरिटी ट्रेनिंग देती हैं. हर महीने एक डांस वर्कशॉप भी करवाती हैं, जिसमें विभिन्न डांसिंग एक्सपर्ट्स बच्चों को स्पेशल ट्रेनिंग देते हैं. उनकी संस्था झारखंड सरकार के कला विभाग से रजिस्टर्ड है. डांस के प्रति प्रियंका के डेडिकेशन ने उन्हें जो मुकाम दिया, उस पर उनकी मां भी गर्व करती हैं.