भारत सहित आज पूरा विश्व टीबी यानी ट्यूबरोक्लोसिस के खतरे से जूझ रहा है. देश में टीबी के बैक्टीरिया से हर दूसरा व्यक्ति संक्रमित है. इसका मतलब यह नहीं कि उसे टीबी है, लेकिन खतरा जरूर है.
इससे बचने के लिए दिन में कम-से-कम पांच मिनट तक लगातार धूप लेनी चाहिए. ये बातें हाल ही में लखनऊ आयोजित हुए में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आइआइएसएफ) के हेल्थ कॉन्क्लेव में किंग्स जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के हेड डॉ सूर्यकांत कहीं.
उनका कहना है कि सूर्य की रोशनी में प्रतिदिन बैठने से टीबी के बैक्टीरिया मर जाते हैं. डॉ सूर्यकांत ने बताया कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य है. देश में अभी इसके करीब 32 लाख मरीज हैं. इनमें से 11 लाख की पहचान नहीं हो सकी है.
उन्होंने बताया कि टीबी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि मास्क लगाकर चलें या गमछा बांध लें. डब्ल्यूएचओ के अनुसार सिर्फ 2017 में ट्यूबरोक्लोसिस के एक करोड़ से अधिक मामले देखे गये हैं. इनमें से 16 लाख लोगों की मृत्यु हो गयी. तीन लाख लोग ऐसे भी थे, जिन्हें टीबी के साथ एचआइवी था.
वहीं, करीब 10 लाख बच्चों में हर साल टीबी के मामले पाये जाते हैं. 2017 में ही सिर्फ 2.30 लाख बच्चों की मौत इस बीमारी से हो गयी. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2000 से 2017 तक टीबी के 5.40 करोड़ लोगों की जान समय से जांच और इलाज के कारण बचायी जा सकी.