होलिका दहन के दूसरे दिन यानी आज चैत्र मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होली यानी रंगोत्सव देशभर में मनाया जा रहा है. वैसे तो होली सभी लोग अपनी कुल परंपरा के अनुसार मनाते हैं. किंतु शास्त्र के अनुसार होली के दिन घर में बने विभिन्न व्यंजनों को अपने कुलदेवी-देवता एवं अाराध्य को नैवेद्य के रूप में अर्पित करना चाहिए. साथ ही, रंग-गुलाल भी चढ़ाना चाहिए. इसके बाद ही उसे प्रसाद स्वरूप अपने परिवार एवं मित्रजनों को खिलायें एवं रंग-अबीर-गुलाल का उपयोग करें.
होलिका दहन में पूजा के बाद भस्म को अगले दिन शरीर में लगाने का विधान होता है. ऐसा करने से शारीरिक एवं मानसिक सभी प्रकार के दुखों का निवारण होता है. इस भस्म को लगाने के बाद ही होली के रंग एक दुसरे पर चढ़ाये जाते हैं.
