कैप्सूल को अवसाद, शिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों को खिलाया जायेगा. पेट में मौजूद तरल से मिलते ही कैप्सूल के भीतर छुपा सेंसर एक्टिवेट हो जायेगा. अगर मरीज दवा खाना भूलेगा, तो सेंसर कलाई पर बंधे पैच को अलर्ट करेगा और पैच इसकी जानकारी स्मार्टफोन के एप पर भेजेगा. डॉक्टर के साथ मरीज के चार करीबी परिजन या मित्र इस जानकारी को देख सकेंगे. एफडीए के साइकाइट्री प्रोडक्ट्स के डायरेक्टर मिचेल मैटिस इस बारे में कहते हैं कि दिमागी बीमारी से जूझ रहे कुछ मरीजों ने दवा खायी हैं या नहीं, यह अब ट्रैक किया जा सकेगा.
कैप्सूल जापान की दवा कंपनी ओत्सुका फार्मास्यूटिकल्स ने बनायी है. न्यूयॉर्क के वरिष्ठ डॉक्टर स्कॉट कारकोवर कहते हैं कि यह हमारे कई मरीजों के लिए वाकई मददगार हो सकती है. कुछ लोग दवा खाना भूल जाते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में यह मरीजों की निजता का हनन हो सकता है, साथ ही लोग इलाज की जिम्मेदारी खुद लेने के बजाये एक मशीन पर निर्भर रहने लगेंगे.