Advertisement
यहां महिला होने का मतलब है परेशानी
चिंताजनक. प्रतिदिन 10 प्रतिशत महिलाएं हिंसा की शिकार अल साल्वाडोर में गिरोहों की लड़ाई के बीच महिलाएं असुरक्षित हैं. यहां महिलाओं पर होनेवाले हिंसा में वृद्धि हुई है, जिससे यह देश महिलाओं के लिए असुरक्षित करार दे दिया गया है. कैटालिना लोबो-ग्वेरोरो एक स्वतंत्र लेखिका हैं. वह बताती हैं कि मैं वापस अल सल्वाडोर नहीं […]
चिंताजनक. प्रतिदिन 10 प्रतिशत महिलाएं हिंसा की शिकार
अल साल्वाडोर में गिरोहों की लड़ाई के बीच महिलाएं असुरक्षित हैं. यहां महिलाओं पर होनेवाले हिंसा में वृद्धि हुई है, जिससे यह देश महिलाओं के लिए असुरक्षित करार दे दिया गया है.
कैटालिना लोबो-ग्वेरोरो एक स्वतंत्र लेखिका हैं. वह बताती हैं कि मैं वापस अल सल्वाडोर नहीं जाना चाहती. मैं एक महिला हूं और लैटिन अमेरिका के किसी भी देश की अपेक्षा मुझे वहां ज्यादा डर लगता है. जब मैं पहली बार वहां उतरी और टैक्सी ड्राइवर ने मुझे एयरपोर्ट से पिक किया, तो मुझे लगा कि मैं किडनैप हो चुकी हूं, जबकि उसने मुझे बताया कि उसकी एक छोटी सी बच्ची है और उसकी फोटो भी मुझे दिखायी.
जब मैंने उससे पूछा कि क्या वह और बच्चे चाहता है तो उसने कहा हां, लेकिन अब मुझे सिर्फ लड़का ही चाहिए. मैंने उससे कहा कि तुम जानते हो न कि लड़का या लड़की तुम नहीं चुन सकते. उनसे कहा जानता हूं, लेकिन लड़की नहीं चाहिए मुझे. लड़की मतलब समस्या. उसने बताया कि ऐसे देश में जहां महिलाओं का रोज बलात्कार और हत्या होती है. वहां लड़की किस बाप की पसंद होगी. पिछले कुछ वर्षों में अल सल्वाडोर को महिलाओं के लिए विश्व के सबसे खतरनाक देशों में एक घोषित किया गया था. लैटिन अमेरिकी देशों में तो यह इस मामले में न. वन है. यहां के लीगल मेडिक्लेम के अनुसार साल 2016 में 524 महिलाओं की मौत हिंसा में हुई थी. यह उन लाशों की गिनती है जो पायी गयी. कई ऐसे मामले भी हैं जिनमें महिला की लाश तक भी नहीं मिली.
सरकार ने यहां होनेवाले गिरोहों की लड़ाई को रोकने के लिए अपराधियों को चिन्हित करना शुरू किया है. लेकिन महिलाओं के हत्या की दर की स्थिति लगातार स्थिर रही है. ऐसा माना जाता है कि यह प्रतिदिन 10 प्रतिशत महिलाएं हिंसा और यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं.
अगर वे इसकी शिकायत करने पुलिस, जिला अटॉर्नी के कार्यालय या अस्पताल की मदद के लिए जाते हैं या जब वे अपने लिए और मुसीबत को बुलावा देती हैं. मुझे इसकी समझ तब हुई जब मैं एक सुबह डॉ. जुल्मा जेनिफर मेन्डेज के कार्यालय पहुंची वह सैन सल्वाडोर सार्वजनिक अस्पताल में एच.आइ.वी. रोगियों की डॉक्टर हैं. मैंने वहां रोगियों की कहानियों सुनी. एक लड़की जो एक गिरोह की शिकार थी. उनके अनुसार एक गिरोह ने उनका अपहरण कर लिया था. उसके भाई गिरोह में शामिल नहीं होना चाहते थे. इसलिए उन्हें मार दिया गया. गिरोह के सदस्यों ने उससे बलात्कार किया और वह एच.आइ. वी ग्रसित हो गयी. साल्वाडोरन महिलाओं की मदद करने वाले डॉक्टरों भी गिरोह के हिंसा के शिकार हुए हैं. जिसमें महिला गिरोह भी शामिल हैं.
किसी मामले में गर्भपात अवैध
गिरोह के सदस्य केवल महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. जो लोग बलात्कार करते हैं, उनमें महिला के पति, पिता, चाचा, परिचित, पड़ोसी भी शामिल हैं. पीड़ितों के घरों में यौन हिंसा के हर चार कृत्यों में से तीन, और प्रत्येक 10 पीड़ितों में से सात 20 वर्ष से कम उम्र की लड़कियां होती हैं. यहां महिला कभी भी कारण से गर्भवती हो गयी तो वह किसी से मदद की उम्मीद नहीं कर सकती. अल सल्वाडोर में गर्भपात सभी परिस्थितियों में अवैध है, बलात्कार के मामलों में भी गर्भपात होने पर कुछ महिलाओं को सजा हुई है. ऐसी ही एक 19 वर्षीय लड़की एवलिन हरनाडेज, जिन्होंने अस्पताल से बाहर जन्म दिया था और जिनके बच्चे को जीवित नहीं रह पाया. उन्हें गंभीर उत्पीड़न का दोषी पाया गया है. इसके लिए उन्हें 30 साल जेल की सजा सुनायी गयी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement