!!सुजीत कुमार!!
पटना : आदमी पूरी तरह से ‘सोशल’ भले ही न हुआ हो, पर सबकी लाइफ सोशल जरूर बन गयी है. अब लोग खाते-पीते, साेते-जागते, घूमते-फिरते अपनी हर अपडेट सोशल साइट्स पर सबसे पहले करते हैं. बेटे को हॉस्टल में खाना नहीं मिला, यह मां को बाद में पता चलता है, उसके एफबी फ्रेंड्स पहले जान जाते हैं. पति को हेडेक है, पत्नी भले ही इससे बेखबर हो, पर उसके दोस्त मंडी को पता रहता है कि फलां की तबीयत ठीक नहीं है. सोशल मीडिया वर्तमान समय में हर वर्ग के लोगों का जरुरत बन गयी है. समय के साथ इसका इस्तेमाल और दायरा भी बढ़ता जा रहा है. वैसे तो सोशल मीडिया के उपयोग से कोई बुराई नहीं, पर इसकी देखरेख भी आवश्यक है. इसके उपयोग के लिए समय का निर्धारण होना बहुत जरूरी है, हर अच्छाई के साथ बुराई छिपी होती है.
आजकल बहुत से युवा हो रहे हैं दिग्भ्रमित
सोशल मीडिया के प्रयोग ने युवाओं पर दोतरफा असर डाला है. एक तरफ इसने युवाओं को समय से पहले जागरूक तो बनाया ही है, दूसरी तरफ इसने इन्हीं युवाओं को आक्रांत भी कर दिया है. वर्तमान युवा के पास समय की कमी है और वो जल्द पहचान बनाना चाहते हैं. इसके लिए वह और बिना इंतजार किये प्रतिष्ठित होना चाहते हैं. जब उनकी यह चाहत पूरी नहीं होती, वे आक्रामक हो जाते हैं और आपराधिक कार्यों में लिप्त होने लगते हैं. ऐसे में यह देखा जाता है कि सोशल मीडिया के फायदे तो बहुत हैं, लेकिन इससे युवा वर्ग दिग्भ्रमित भी हो रहे हैं.
एक-दूसरे से जुड़ने का बेहतर माध्यम
सोशल मीडिया किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म, सिस्टम, वेबसाइट या ऐप को संदर्भित करता है. यह लोगों को सामग्री बनाने और साझा करने में सक्षम बनाता है और एक-दूसरे के साथ जुड़ना आसान करता है. वर्तमान में फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप, लिंक्ड-इन, यू-ट्यूब जैसी कई साइटें हैं, जो लोकप्रिय हैं. यानी सोशल मीडिया ऐसी मुफ्त साइट है, जहां विभिन्न तरीके से रजिस्टर्ड यूजर फोटो, वीडियो और अन्य सामग्री को अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं.
कहीं भी, कुछ भी इस तरह शेयर करने से बचें
लोग अपने हनीमून तक की तस्वीरों और सूचनाओं को शेयर कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि इन सूचनाओं, फोटो को शेयर करने के बाद लाइक या कमेंट नहीं मिलने पर वह दिक्कत में आ जाते हैं. डॉ मनोज कुमार कहते हैं कि इन प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी दमित इच्छाओं का उजागर भी करते हैं. कुछ मायनों में यह ठीक है, लेकिन कई बार उन सूचनाओं का लोग दुरुपयोग करना शुरू कर देते हैं, जिसकी परिणति बहुत खराब होती है. डॉक्टर मनोज यह भी कहते हैं कि कई बार यह भी देखा जाता है कि लोग अपने सफर करने के बारे में छोटी-छोटी सूचना को सोशल साइट्स पर शेयर कर देते हैं. अगर उनकी ज्वाइंट फैमिली है तो कोई बात नहीं है, लेकिन वह अकेले हैं तो किसी भी अनहोनी का डर बना रहता है. वहीं, इस मामले पर साइकोलॉजिस्ट श्रेया सिंह कहती हैं कि सोशल साइट्स पर कुछ भी साझा करने से पहले नियमों को जान लें और यह भी सुनिश्चित कर लें कि उसे कौन देख सकता है. ज्यादातर समय साझा किये गयी किसी भी चीज को केवल उन लोगों द्वारा देखा जायेगा, जिनको आपने दोस्त बनाया है. हालांकि सोशल साइट्स नियमित रूप से अपनी गोपनीयता सेटिंग बदलती रहती है, इसलिए उनकी सेटिंग्स और नीतियों की जानकारी महत्वपूर्ण है. याद रखें छोटी सी भूल भी बड़े हादसे को इनविटेशन दे सकती है.
केस 1
पटना के एक डॉक्टर ने करीब पांच साल पहले पढ़ाई के वक्त फेसबुक पर अपनी एजुकेशनल लाइफ और कुछ पर्सनल बातें शेयर की थीं. पोस्ट में गर्लफ्रेंड के बारे में भी कुछ लिखा था. शादी के बाद उनकी वाइफ ने उनके एफबी पोस्ट चेक करने के दौरान उस पोस्ट को भी देखा. इस मसले पर दोनों के बीच धीरे-धीरे कड़वाहट आ गयी. काउंसेलिंग के बाद कोई रास्ता नहीं निकला और अब यह शादी टूटने की कगार पर है.
केस 2
पटना के ही एक दंपती ने फेसबुक पर अपने सफर पर जाने की सूचना शेयर की थी. उनके जाने के बाद सूचना का लाभ उठाते हुए चोरों ने घर में रखे कीमती सामानों पर हाथ साफ कर दिया. उनदोनों को वापस आने के बाद अपने घर में हुई भयंकर चोरी की खबर मिली. केस दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.
केस 3
आगरा के एक प्रतिष्ठित परिवार के एक न्यूली मैरिड कपल हनीमून पर गये थे. ट्रिप के दौरान अपनी कुछ निजी तस्वीरें मोबाइल में क्लिक कीं. जाने-अंजाने में पत्नी से एफबी पर वह तस्वीर पाब्लिक हो गयीं. छोटी सी भूल इतना भयावह रूप ले लेगा, किसी को पता नहीं था. मामले ने तूल पकड़ा और हसबेंड काे जेल जाना पड़ गया. यह गलती बर्दाश्त न कर पत्नी ने भी सुसाइड कर लिया. एक चूक से भरा-पूरा परिवार तबाह हो गया.
इन बातों का रखें ध्यान
तस्वीरें या वीडियाे लेने से पहले जरूर देखें कि ड्राइव ब्लॉक है या नहीं? अगर ड्राइव ब्लॉक नहीं है, तो उसे ब्लॉक कर दें.
गूगल माई एक्टिविटी में सारी चीजों को ट्रैक करता है. अगर प्राइवेसी रखना चाहते हैं, तो लोकेशन को ऑफ कर दें.
प्राइवेट या पर्सनल फोटो या वीडियो को शेयर या पोस्ट करने में सावधानी बरतें.
फेसबुक पर आनेवाले फ्रेंड रिक्वेस्ट में उन्हीं को तरजीह दें, जिनको जानते हैं.
सोशल साइट्स से अचानक ब्रेकअप आसान नहीं है, इसलिए कम से कम साइट को फॉलो करें और ज्यादा कुछ शेयर न करें.
ज्यादा से ज्यादा संयम बरतने की कोशिश करें.
जितना संभव हो, उतना ही जीवन जीने की कोशिश करें.
अगर किसी प्रकार की अनहोनी हो जाती है तो उचित निर्णय ले और कानूनी सहायता से उसे निबटाने की कोशिश करें.
सोशल साइट्स को अपनी डायरी न बनाएं
कई लोग सोशल साइट्स को डायरी की तरह इस्तेमाल करते हैं, जो बहुत रिस्की है. जब हम सोशल साइट्स या गूगल पर कोई एकाउंट बनाते हैं, तो हमें यह जानकारी नहीं होती है कि हमारी तस्वीरें या सूचनाएं फोन के अलावा गूगल ड्राइव में जाकर सेव हो रही हैं. जब भी किसी सोशल मीडिया साइट्स पर जायें, तो नियमों को ध्यान से जरूर पढ़ें. पर्सनल चीजों को शेयर करने से पहले गंभीरता से सोचें, क्योंकि इन चीजों को शेयर करने से खुद को परेशान होने का मौका दे रहे हैं. किसी भी एकाउंट की प्राइवेसी को जरूर हार्ड रखें. आजकल साइट्स का प्रयोग बिजनेस या कॉमर्शियली ज्यादा हो रहा है, इसलिए पर्सनल इंफॉर्मेशन न दें तो ज्यादा बेहतर होगा.
– शिवानी नाथ, सोशल मीडिया एक्सपर्ट