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ऐसे करें कुबेर मुद्रा दूर होगा साइनस
प्रति काम-काज की वजह से तनाव की समस्या होना आम बात है. तनाव आत्मविश्वास को कम करता है और मन में नकारात्मक विचार भरता है. किसी भी प्रकार का तनाव अथवा आत्मविश्वास की कमी पृथ्वी और जल तत्वों की अधिकता तथा आकाश, अग्नि और वायु तत्वों के असंतुलन का परिणाम होता है. कुबेर मुद्रा इन […]
प्रति काम-काज की वजह से तनाव की समस्या होना आम बात है. तनाव आत्मविश्वास को कम करता है और मन में नकारात्मक विचार भरता है. किसी भी प्रकार का तनाव अथवा आत्मविश्वास की कमी पृथ्वी और जल तत्वों की अधिकता तथा आकाश, अग्नि और वायु तत्वों के असंतुलन का परिणाम होता है.
कुबेर मुद्रा इन तत्वों का संतुलन स्थापित करती है और व्यक्ति को तनावमुक्त कर उसमें सकारात्मक सोच भरती है. सकारात्मक सोचवाले लोग अगर इस मुद्रा का अभ्यास करें, तो उनके लिए जो भी अच्छा होगा, वह घटित होना शुरू हो जायेगा. यह मुद्रा नाक में बननेवाले अर्बुद या पोलिप को भी कम करती है.
इस मुद्रा के प्रयोग से साइनस में जमा श्लेषमा दूर होती है और नाक-कान बंद रहने की समस्या समाप्त हो जाती है और नोजल स्प्रे करने की जरूरत नहीं रह जाती है. अगर बार-बार गहरी सांस के साथ इसे किया जाये, तो साइनुसाइटिस के कारण होनेवाला सिरदर्द और सिर का भारीपन समाप्त हो जाता है. पृथ्वी और जल तत्व की अधिकता को ही कफ का कारण माना गया है, ये दोनों तत्व कुबेर मुद्रा से कम हो जाते हैं, जिससे कफ की समस्या दूर हो जाती है.
कैसे करें : मध्यमा, तर्जनी और अंगूठे के शीर्ष को मिलाएं. अनामिका और कनिष्ठा को मोड़ कर हथेली से लगा लें.
कितनी देर : आधा-आधा घंटा दो बार.
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