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काली खांसी हो सकती है खतरनाक

डॉ रागिनी ज्योति बीएचएमएस, आदर्श होमियो क्लीनिक, राजीव नगर, पटना मो: 8434371215 पांच साल के रोहित को एक सप्ताह से तेज खांसी थी. इस कारण उसे सांस लेने में तकलीफ और छाती में दबाव महसूस हो रहा था. खांसी के बाद उल्टी हो जा रही थी. जैसे ही सोने के लिए बिस्तर पर सिर रखता, […]

डॉ रागिनी ज्योति

बीएचएमएस, आदर्श होमियो क्लीनिक, राजीव नगर, पटना

मो: 8434371215

पांच साल के रोहित को एक सप्ताह से तेज खांसी थी. इस कारण उसे सांस लेने में तकलीफ और छाती में दबाव महसूस हो रहा था. खांसी के बाद उल्टी हो जा रही थी. जैसे ही सोने के लिए बिस्तर पर सिर रखता, खांसी बढ़ जाती थी.

लक्षणों के आधार पर मैंने रोहित को Drosera rotundifolia 30 शक्ति की होम्योपैथिक औषधि दी. सात दिन के अंदर उसकी तबीयत ठीक हाे गयी. रोहित को Whooping cough था, जिसे काली या कुक्कुर खांसी भी कहते हैं. व्हूपिंग कफ एक गंभीर समस्या है, जो 5 से 15 वर्ष की आयु में अधिक होता है. इसमें मुख्य रूप से श्वसन तंत्र प्रभावित होती है. भारत में एक लाख में से 578 बच्चे प्रत्येक वर्ष इस बीमारी से ग्रसित होते हैं. यह लड़कियों को ज्यादा परेशान करता है. 6 महीने से कम उम्र के बच्चों में इससे मृत्यु ज्यादा देखी जाती है. यह बरसात व सर्दी में ज्यादा परेशान करती है.

कारण : कुकर खांसी bordetella pertussis बैक्टीरिया से होता है. यह बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति की नाक और मुंह से सूक्ष्म तरल कणों द्वारा दूसरे व्यक्ति में फैलता है. बुखार और जुकाम के साथ खांसी के तीव्र और लंबे दौरे, घबराहट, सांस बंद होने का एहसास, चेहरा पीला पड़ना आदि लक्षण देखे जाते हैं.

बचाव : कुकर खांसी को रोकने के लिए pertussis का टीका लगवाना चाहिए. नवजात को कुछ माह के भीतर टीका लगवाना चाहिए. अपने घर को तंबाकू और लकड़ी से जलने से उत्पन्न धुएं से मुक्त रखें. खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को ढकें. हाथों को नियमित और उचित रूप से धोएं. यदि बच्चे को तीव्र खांसी हो, सांस लेने में कठिनाई हो और खों-खों की आवाज आये, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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