Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से का खास महत्व बताया गया है. मुख्य दरवाजे से लेकर किचन, बेडरूम और पूजा स्थल तक. हर जगह की अपनी एक ऊर्जा होती है. लेकिन अक्सर लोग आंगन और बालकनी को लेकर वास्तु का ध्यान नहीं रखते. जबकि ये दोनों जगहें घर में पॉजिटिविटी और नेगेटिविटी लाने के अहम स्रोत मानी जाती हैं. अगर आंगन और बालकनी का वास्तु सही हो, तो घर में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है. आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ खास रहस्य.
आंगन का महत्व
पुराने समय में लगभग हर घर में आंगन होता था. वास्तु शास्त्र के अनुसार आंगन को घर की ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. आंगन अगर उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में हो, तो यह घर में खुशहाली लाता है.
आंगन को हमेशा साफ-सुथरा और रोशनी से भरा रखना चाहिए. गंदा या अंधेरा आंगन घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है.
आंगन में क्या रखें और क्या न रखें
- तुलसी का पौधा या अन्य पवित्र पौधे आंगन में लगाना बेहद शुभ माना जाता है.
- कबाड़, पुराने जूते-चप्पल, टूटा फर्नीचर या कूड़ा-कचरा कभी भी आंगन में नहीं रखना चाहिए.
- आंगन में पानी का जमाव होने से घर में रोग और परेशानियां बढ़ती हैं.
बालकनी का वास्तु रहस्य
आजकल फ्लैट और अपार्टमेंट्स में आंगन की जगह बालकनी होती है. यह भी वास्तु के लिहाज से बेहद अहम है.
- पूर्व या उत्तर दिशा में बनी बालकनी घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है.
- बालकनी में सुबह की धूप आने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
- बालकनी में पौधे, छोटे फव्वारे या विंड चाइम लगाने से एनर्जी फ्लो बेहतर होता है.
किन बातों से बचें
- दक्षिण या पश्चिम दिशा में बालकनी होने पर वहां भारी सामान या धातु का प्रयोग न करें.
- बालकनी को गंदा, अंधेरा या अव्यवस्थित रखने से घर की प्रगति रुक सकती है.
- बालकनी में कपड़े सुखाने की जगह साफ-सुथरी और छिपी हुई होनी चाहिए, वरना यह नेगेटिविटी बढ़ाती है.
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