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Top 10 Best Tourist Places In world: एग्जाम खत्म होने के बाद दुनिया के इन 10 पर्यटन स्थलों पर बना लें घूमने का प्लान

Top 10 Best Tourist Places In world: आप हिल स्टेशन हो या कोई वाइल्ड सफारी, कहीं-न-कहीं जरूर जा सकते हैं. इससे काफी कुछ नया सीखने-जानने व समझने को मिलता है. आपको दुनिया के 10 प्रमुख व अनोखे पर्यटक स्थलों के बारे में भी जानना चाहिए, जिन्हें हर कोई एक बार जरूर देखना चाहता है.

Top 10 Best Tourist Places In world: बोर्ड की परीक्षाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं. ऐसे में परीक्षा से रिजल्ट के बीच बहुत से छात्रों की इच्छा घूमने की होती है. आप हिल स्टेशन हो या कोई वाइल्ड सफारी, कहीं-न-कहीं जरूर जा सकते हैं. इससे काफी कुछ नया सीखने-जानने व समझने को मिलता है. आपको दुनिया के 10 प्रमुख व अनोखे पर्यटक स्थलों के बारे में भी जानना चाहिए, जिन्हें हर कोई एक बार जरूर देखना चाहता है. आप अभी भले इन जगहों पर अभी न जा सकें, पर इनके बारे में जानना चाहिए.

अंकोरवाट, कंबोडिया

अंकोरवाट कंबोडिया 1
अंकोरवाट

कंबोडिया में स्थित यह मंदिर दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. इसका निर्माण 12वीं सदी में सूर्यवर्मन द्वितीय के लिए कराया गया था. यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन अब यहां बौद्ध धर्म का खासा प्रभाव है. 8 लाख, 20 हजार वर्ग मीटर में फैले इस मंदिर को यूनेस्को ने वर्ष 1992 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया. मिकांग नदी के किनारे बसे इस मंदिर का ऐतिहासिक दृष्टि से भी दुनिया में खास स्थान है. खमेर साम्राज्य के राष्ट्रीय प्रतीक के ये अवशेष आज भी वास्तुकला के लिहाज से वैज्ञानिकों, इतिहासकारों और पर्यटकों को हैरान करते हैं. इस मंदिर का यह महत्व है कि कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज पर भी इस मंदिर की तस्वीर बनी हुई है. इस खूबसूरत देश में अंकोरवाट मंदिर के अलावा और भी बहुत कुछ देखने लायक है.

ग्रेट बैरियर रीफ, ऑस्ट्रेलिया

ग्रेट बैरियर रीफ ऑस्ट्रेलिया 1
ग्रेट बैरियर रीफ

पूर्वोत्तर ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड तट पर ग्रेट बैरियर रीफ मौजूद है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल है. समुद्र प्रेमियों और गोताखोरी के शौकीनों के लिए यह दुनिया की सबसे पसंदीदा जगह है. यहां आने वाले लोग स्कूबा डायविंग, एयरक्राफ्ट या हेलीकॉप्टर टूर, बोटिंग, क्रूज शिप टूर के साथ ही ग्लास बॉटम बोट व्यू के जरिये पानी के अंदर व्हेल और डॉल्फिन की मस्ती भी देख सकते हैं. ग्रेट बैरियर रीफ में विश्व के सबसे विशाल कोरल रीफ पाये जाते हैं. यह लगभग 3000 इंडीविजुअल कोरल रीफ का समूह है. यह 3,47,800 वर्ग मीटर में फैली है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह चीन की विशाल दीवार से भी ज्यादा विशाल है. कोरल रीफ के इस इलाके में मछलियों और समुद्री जीवों की 1,500 से ज्यादा प्रजातियां रहती हैं.

द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, चीन

द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना चीन 1
द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना

उत्तर के कबीलाई हमलावरों से जब खुद को बचाने के लिए चीनी शासकों ने दीवार बनानी शुरू की, तो चीन की यह महान दीवार बन कर तैयार हुई. हजारों किलोमीटर लंबी यह दीवार दुनिया में इंसान द्वारा किया गया सबसे बड़ा निर्माण कार्य है. वर्ष 1987 में इसे यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया. यह किलेनुमा दीवार मिट्टी और पत्थरों से बनी है, जिसे तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16वीं शताब्दी (मिंग वंश) तक चीन के विभिन्न शासकों के द्वारा बनवाया गया. इस दीवार के विभिन्न हिस्से इस अवधि के शासकों द्वारा बनवाये गये. अगर इस दीवार के सभी हिस्सों को जोड़ा जाये तो इस दीवार की लंबाई 21 हजार किलोमीटर तक पहुंच जाती है. अक्सर इंटरनेट पर उपलब्ध तस्वीरों को देख कर आपको लगता होगा कि यह दीवार खाली रहती होगी, लेकिन असल में यहां प्रतिदिन काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. हालांकि, इसका बड़ा हिस्सा प्राकृतिक एवं इंसानों द्वारा पहुंचाई गयी क्षति की वजह से खराब स्थिति में है.

माचू पिचू, पेरू

माचू पिचू पेरू
माचू पिचू

दक्षिण अमेरिका स्थित एंडीज के पहाड़ों में यह इंका सभ्यता की निशानी है. यह 500 साल से ज्यादा पुराना अवशेष है. इंका सभ्यता का अचानक गायब होना आज भी रहस्य बना हुआ है. माचू पिचू में पत्थर की बनी 216 इमारतें हैं, जो सीढ़ियों से जुड़े हैं. 2,360 मीटर की ऊंचाई पर यह सब बनाना निश्चित तौर पर चुनौती भरा रहा होगा. इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया है. यह दक्षिण अमेरिका का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है. ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1430 में इंकाओं माचू पिचू का निर्माण किया था, लेकिन निर्माण के सौ साल बाद जब स्पेन ने इंकाओं पर विजय प्राप्त कर ली, तो इंका इस स्थान को छोड़ कर चले गये. तबसे स्थानीय लोग तो इस स्थान के बारे में जानते थे. दुनिया के सामने यह तब आया, जब अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम ने वर्ष 1911 में इसकी खोज कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव दिया. 

ग्रैंड कैनियन, अमेरिका

ग्रैंड कैनियन अमेरिका 1
ग्रैंड कैनियन

ग्रैंड कैनियन पहुंचते ही आपको धरती की अरबों साल की भौगोलिक यात्रा दिखायी पड़ती है. ग्रैंड कैनियन 450 किलोमीटर लंबी है और इसकी खड़ी गहराई 1,800 मीटर से भी ज्यादा है. दरअसल, ग्रैंड कैनियन का निर्माण करोड़ो वर्षों में कोलोरैडो नदी के निरंतर घर्षण के कारण हुआ है. यह अमेरिका के एरिजोना राज्य से होकर बहने वाली कोलोरैडो नदी की धारा से बनी तंग घाटी है. यह घाटी अधिकांश रूप से ग्रैंड कैनियन नेशनल पार्क से घिरी है, जो अमेरिका के सबसे पहले राष्ट्रीय उद्यानों में से एक था. यह घाटी 446 किलोमीटर लंबी और 6000 फुट गहरी है. यहां बहने वाली कोलोरैडो नदी में भी पर्यटक कई तरह के वाटर स्पोर्ट्स का आनंद उठाते हैं. इस विशालकाय घाटी को देखने के लिए पर्यटकों को हवाई जहाज की सुविधा भी मिलती है. एक विशाल प्राकृतिक अजूबा होने के साथ ग्रैंड कैनियन अमेरिका के सबसे बड़े पर्यटक केंद्रों में से एक है.

वाधू आइलैंड, मालदीव

वाधू आइलैंड मालदीव 1
वाधू आइलैंड

अक्सर आप तारों के जमीन पर उतर आने की कल्पना करते होंगे. जमीन पर तो नहीं, लेकिन धरती पर एक ऐसी जगह जरूर है, जहां हर रात पानी में तारे दिखते हैं. मालदीव के वाधू आइलैंड में तारों वाला एक समुद्र मौजूद है. दरअसल, ऐसा सी-स्टार्स फाइटोप्लैंकटन की वजह से होता है. इनके मेंब्रेन में एक खास किस्म का सेल मौजूद होता है, जो नीले रंग का प्रकाश उत्पन्न करता है. इससे समुद्र में हजारों की संख्या में तारे चमकने का एहसास होता है. यही वजह है कि इसे सी ऑफ स्टार्स कहा जाता है. यह जगह पूरी तरह सपाट है और इसे दुनिया के सबसे समतल सतहों में गिना जाता है. इस वजह से यहां पर दृष्टिभ्रम भी पैदा होता है. रात में इस आइलैंड का दृश्य किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता है.

मिस्ट्री स्पॉट, कैलिफोर्निया

मिस्ट्री स्पॉट कैलिफोर्निया 1
मिस्ट्री स्पॉट

धरती पर कुछ ऐसी भी जगहें मौजूद हैं, जहां गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव बेहद कम हो जाता है. कैलिफोर्निया के सांता क्रूज में ऐसी ही एक जगह है, जहां 150 मीटर स्क्वायर के गोलाकार क्षेत्र में गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत सही तरीके से काम नहीं करता है. इस जगह की खोज वर्ष 1939 में हुई थी. इस जगह को मिस्ट्री स्पॉट भी कहा जाता है. यहां पानी को नीचे की जगह ऊपर की तरफ बहते हुए, मैग्नेटिक कंपास के सही तरह से काम न करने जैसी घटनाएं देखी जा सकती हैं. यहां आप किसी भी एंगल में बिना गिरे सीधे खड़े रह सकते हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जानवर भी इस एरिया में आने से घबराते हैं. गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण यहां दीवार पर भी आसानी से चला जा सकता है.

लीनिंग टावर ऑफ पीसा, इटली

लीनिंग टावर ऑफ पीसा इटली 1
लीनिंग टावर ऑफ पीसा

इटली के छोटे-से शहर पीसा में यह मीनार है. इसके आसपास कई इमारतें हैं, जो एकदम सीधी है और वहीं उनके बीच टेढ़ी-सी यह इमारत बड़ी आश्चर्यजनक लगती है. पीसा के इस झुकी हुई मीनार के बनने की शुरुआत वर्ष 1173 में हुई, लेकिन इस मीनार को पूरा करने में 200 साल लगे. इसे बनाने वाले बोनानो पिसानो थे. दरअसल, पीसा में एक भव्य इमारत बनाने की कोशिश की जा रही थी. लेकिन मीनार का निर्माण शुरू होने के 12 वर्ष बाद ही साफ हो गया कि ये टेढ़ी हो रही है, लेकिन तब तक इसकी 8 में से 3 मंजिलें बन चुकी थीं. उसके बाद से आज तक बड़े जतन से इस मीनार को गिरने से बचाया जाता रहा है. पहले इस शहर की रौनक उतनी नहीं थी, लेकिन जब से दुनियाभर से लोग पीसा की इस मीनार को देखने आने लगे, तब से यह शहर काफी बदल चुका है. इसकी ऊंचाई 55 मीटर है. आधार पर इसकी दीवारें करीब 4 फुट मोटी तथा ऊपर चढ़ने के लिए 300 सीढ़ियां हैं. मीनार के शिखर से देखने पर पीसा शहर और समुद्र का दृश्य बहुत ही मनोहारी दिखाई पड़ता है.

वेनिस में गोंडोला नाव की सवारी, इटली

वेनिस में गोंडोला नाव की सवारी इटली 2
वेनिस में गोंडोला नाव की सवारी

इटली के वेनिस में आज भी गोंडोला नाव शहर की शान है. यह यूरोप में एक ऐसी जगह है, जहां की दुनिया बिल्कुल अलग है. वेनिस शहर की सबसे बड़ी खासियत कि तुम्हें यहां टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर या फोर-व्हीलर नहीं दिखेंगे, क्योंकि वेनिस में सड़कें हैं ही नहीं. इस शहर में ट्रांसपोर्ट का साधन सिर्फ गोंडोला है, जो एक तरीके की नाव होती है. गोंडोला एक लंबी नोंक वाली नाव होती है, जिसमें नाव चलाने वाला एक तरफ खड़ा होकर नाव चलाता है. यह वेनिस की खास आइडेंटिटी है. अब गोंडोला के साथ-साथ मॉडर्न नावें भी चलती हैं. 118 द्वीपों को जोड़ कर बने वेनिस शहर का क्षेत्रफल 415 वर्ग किलोमीटर है. यहां के जल विहार का अनुभव हमेशा रोमांच से भरा होता है.

एफिल टॉवर, फ्रांस

एफिल टॉवर फ्रांस 1
एफिल टॉवर

पेरिस के एफिल टावर के सामने तस्वीर खिंचवाना हर किसी का सपना होता है. फ्रांसीसी क्रांति के सौ साल पूरे होने के अवसर पर इसे बनाया गया था. 26 जनवरी, 1887 को पेरिस के एफिल टावर की नींव रखी गयी. इसे बनने में दो वर्षों का समय लगा. इसे बनाने वाले फ्रांसीसी इंजीनियर गुस्ताव एफिल के नाम पर इसका नाम एफिल टावर रखा गया. उस समय की योजना के अनुसार, इसे केवल 20 साल के लिए ही पेरिस में रहने की अनुमति दी गयी थी और वर्ष 1909 में समयसीमा पूरी हो जाने के बाद इसे गिरा दिया जाना था, लेकिन 20 वर्षों में टावर की लोकप्रियता ऐसी बढ़ी कि इसे गिराने का विचार रद्द कर दिया गया. खास बात है कि वर्ष 1921 में फ्रांस में जब पहला रेडियो प्रसारण हुआ, तो इसे रेडियो टावर की तरह इस्तेमाल किया गया. दुनियाभर के पर्यटकों के लिए यह एक खास स्थान है.

Written by-Vivekananda Singh

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