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प्रीमेच्‍योर बेबी के सही व‍िकास के ल‍िए जरूरी हैं ये 5 बातें, जो आपका जनना है बेहद जरूरी

समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे, विशेष रूप से वे जो बहुत जल्दी पैदा होते हैं, आमतौर पर एपनिया, श्वसन तनाव विकार, पीलिया, एनीमिया आदि जैसी चिकित्सकीय जटिलताओं से पीड़ित होते हैं. यहां घर पर समय से पहले शिशु की देखभाल के कुछ सुझाव दिए गए हैं:

समय से पहले जन्में बच्चे वैसे शिशु होते हैं जो अपनी अनुमानित तारीख से लगभग 3 सप्ताह पहले पैदा होते हैं. समय से पहले शिशु का जन्म लेना बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि बच्चे को मां के गर्भ में वह समय नहीं मिल पाता है कि उसे पूरी तरह से विकसित होने की जरूरत होती है. समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे, विशेष रूप से वे जो बहुत जल्दी पैदा होते हैं, आमतौर पर एपनिया, श्वसन तनाव विकार, पीलिया, एनीमिया आदि जैसी चिकित्सकीय जटिलताओं से पीड़ित होते हैं. यहां घर पर समय से पहले शिशु की देखभाल के कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1. अपने बच्चे को अस्पताल से घर ले जाना

प्रीमेच्योर बेबी का नाम सामने आते ही सबसे पहले मन में बेहद ही नाजूक बच्चे का ख्याल आता है. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती होती है बच्चे की देखभाल करना. ऐसे समय में अगर बच्चों को घर पर रखना उतना ही खतरनाक होता है, क्योंकि ऐसे बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं और इनमें संक्रमण की संभावना अधिक होती है. याद रखें कि अस्पताल कभी भी आपको अपने बच्चे को घर ले जाने की सलाह नहीं देंगे, यदि उन्हें नहीं लगता कि आप और आपका बच्चा दोनों घर जाने के लिए तैयार हैं. अस्पताल से घर जाना निश्चित रूप से एक अच्छी बात है, क्योंकि इसका मतलब है कि आपके बच्चे का स्वास्थ्य स्थिर है.

2. अपने समय से पहले के बच्चे को स्तनपान कराना

स्तनपान मातृत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, चाहे कुछ भी हो. स्तनपान कराने के बहुत सारे लाभ हैं, क्योंकि स्तन के दूध में निश्चित मात्रा में पोषक तत्व और विटामिन होते हैं जो आपके समय से पहले बच्चे को तेजी से और स्वस्थ रूप से बढ़ने और विकसित करने में मदद करते हैं. फॉर्मूला दूध की तुलना में मां का दूध पचाना ज्यादा आसान होता है क्योंकि यह विशेष रूप से आपके शरीर द्वारा आपके बच्चे के लिए बनाया गया है.

3. अपने प्रीमेच्योर बच्चे के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क बनाए रखें

यह न केवल बच्चे और मां बल्कि पिता के लिए भी एक अच्छा व्यायाम साबित हुआ है. आप अपने शिशु को लंगोट पहनाकर और उसे अपनी शर्ट के नीचे या कंबल के नीचे अपनी छाती पर आराम देकर त्वचा से त्वचा के संपर्क का अभ्यास कर सकते हैं, ताकि वह आपके शरीर से कसकर सुरक्षित रहे. त्वचा से त्वचा के संपर्क के कई लाभ हैं, और इसमें आपके बच्चे को होने वाले किसी भी दर्द या तनाव को कम करना शामिल है.

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4. अपने बच्चे की सोने की जरूरतों पर अतिरिक्त ध्यान दें

आपके प्रीटर्म शिशु के लिए पूरे दिन सोना सामान्य है, क्योंकि इससे उसकी वृद्धि और विकास प्रक्रिया में मदद मिलती है. यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ सुझाव कि आपका बच्चा अच्छी तरह से सो रहा है: सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा हमेशा अपनी पीठ के बल सोता है और कभी भी पेट के बल नहीं, साथ ही हमेशा बिना किसी तकिए के सख्त और सपाट सतह पर सोए.

5. बाहरी यात्राओं को सीमित करें

प्रीमेच्योर बेबी जन्म के बाद सुनिश्चित करें कि आप ज्यादातक अपना समय घर पर दें. भीड़ वाली जगह पर जानें से बचे. माना जाता है कि ऐसे शिशु की इम्यूनिटी बेहद कमजोर होती है. जिसके कारण आपसे उनतक संक्रमण का खतरा हो सकता है. साथ ही ध्यान रखें कि उनका बिस्तर साफ हो. उन्हें छूने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धो लें. घर का वातावरण शुद्ध रखें, तेज आवाज न हों.

Bimla Kumari
Bimla Kumari
I Bimla Kumari have been associated with journalism for the last 7 years. During this period, I have worked in digital media at Kashish News Ranchi, News 11 Bharat Ranchi and ETV Hyderabad. Currently, I work on education, lifestyle and religious news in digital media in Prabhat Khabar. Apart from this, I also do reporting with voice over and anchoring.

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