Premanand Ji Maharaj: मोबाइल फोन हमारे लिये जरुरी हो सकता है हमारी जरुरत नहीं बन सकता है. ऐसा कहना है प्रेमानंद जी महाराज का.उनका कहना है कि आज कल लोग अपने आस-पास के लोगों से बात करने की जगह फोन पर ज्यादा व्यस्त नजर आते हैं. हमें मशीनों के जगह आपसी संबंधों और आंतरिक शांति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. महाराज जी सिखाते हैं कि सच्ची खुशी और संतोष मोबाइल फोन में नहीं बल्कि अपने हृदय की गहराइयों में और दूसरों के साथ प्रेमपूर्ण जुड़ाव में निहित है.
इन जगहों पर कभी ना लेकर जाये फोन
- पूजा और प्रार्थना के समय: प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि मंदिर या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर हों तो मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए. यह ध्यान भंग करने वाला और अनादरपूर्ण माना जाता है. यह समय ईश्वर से जुड़ने और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का होता है.
- भोजन करते समय: भोजन करते समय भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल अधिक नहीं करना चाहिए. क्योंकि जिस समय सभी लोग बैठ कर भोजन कर रहें होते हैं तो सबसे पहले अपने परिवार को समय देना चाहिए.
- सत्संग और आध्यात्मिक चर्चाओं के दौरान: जब आप किसी आध्यात्मिक गुरु के प्रवचन सुन रहे हों या किसी धार्मिक या ज्ञानवर्धक चर्चा में भाग ले रहे हों तो मोबाइल फोन का उपयोग करना वक्ता और अन्य श्रोताओं के प्रति अनादर दर्शाता है. यह ज्ञान प्राप्त करने और गहरे चिंतन में बाधा डालता है.
- परिवार और मित्रों के साथ समय बिताते समय: जब आप अपने प्रियजनों के साथ समय बिता रहे हों तो मोबाइल फोन में व्यस्त रहना रिश्तों में दूरी आ सकती हैं.
- सोने से ठीक पहले और उठने के तुरंत बाद: सोने से पहले मोबाइल फोन का उपयोग नींद की गुणवत्ता को खराब कर सकता है क्योंकि इसकी नीली रोशनी मेलाटोनिन के उत्पादन को बाधित करती है. इसी तरह उठते ही तुरंत फोन चेक करना आपको तनाव और सूचनाओं के बोझ से भर सकता है.
- टाॅयलेट में: कई आध्यात्मिक और स्वास्थ्य संबंधी दृष्टिकोणों से शौचालय में मोबाइल फोन का उपयोग अस्वच्छ और नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने वाला माना जाता है.
- जब आप किसी महत्वपूर्ण कार्य में लीन हों: किसी भी ऐसे समय जब आपको पूर्ण एकाग्रता की आवश्यकता हो जैसे कि अध्ययन करना, काम करना या कोई रचनात्मक कार्य करना तो मोबाइल फोन को दूर रखना चाहिए ताकि ध्यान भंग न हो.
- परेशान व्यक्ति के साथ हों तब : जब आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हों जो दुखी या परेशान है तो मोबाइल फोन में व्यस्त रहना असंवेदनशील लग सकता है. ऐसे समय में उन्हें अपना पूरा ध्यान और भावनात्मक समर्थन देना महत्वपूर्ण होता है.
Also Read : Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने बताई शादी के लिए सही जीवनसाथी चुनने की सटीक राह
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.