Chanakya Niti: जिंदगी में रोजाना कई लोगों से मुलाकात होती है. इनमें से कुछ लोग दिल के करीब हो जाते हैं, तो कुछ लोगों से मन नहीं मिल पाता है. हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि हम जिसे अपना समझते हैं, वहीं हमारे साथ गलत व्यवहार करने लगता है. कहने का मतलब यह है कि कई बार हम इंसान को अच्छा समझ कर गलत लोगों से दोस्ती या संबंध बना लेते हैं. लेकिन परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. आचार्य चाणक्य ने कुछ तरीकों से लोगों को समझने की नीतियां बताई हैं, जिनके जरिए हम आसानी से समझ सकते हैं कि कौन व्यक्ति अपना और कौन व्यक्ति पराया है.
इस समय करें पहचान
चाणक्य नीति के मुताबिक, जिंदगी के सबसे कठिन समय में अपने और परायों की पहचान होती है. सुख में तो हर इंसान आपके साथ रहता है, जो व्यक्ति दुख और मुश्किल समय में आपका साथ दे तो उसे अपना माना जाता है. किसी व्यक्ति को अपना और पराया मानने का यह सबसे सर्वोत्तम तरीका होता है. इसके अलावा, यह भी मायने रखता है कि दूसरा व्यक्ति मुश्किल परिस्थिति में आपका कितना साथ देता है. कभी-कभी ऐसा देखने को मिल जाता है कि बहुत दूर का संबंधी, दोस्त आपकी मदद करने के लिए तैयार रहता है, लेकिन सबसे करीबी व्यक्ति मुश्किल समय आने पर किनारा कर लेता है. ऐसे में जो व्यक्ति मुश्किल हालातों में आपका साथ दे, वही आपका अपना होता है, बाकी सब पराये होते हैं.
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ऐसी परिस्थितियों में संभव
आचार्य चाणक्य के अनुसार, धनवान व्यक्ति के पास मित्रों की कमी नहीं होती है. जिसके पास अथाह धन होता है, उसके लाखों चाहने वाले होते हैं. हालांकि, दोस्ती की परख अमीरी में नहीं गरीबी में होती है. गरीबी और विपरीत स्थिति में ही अपने-पराए की पहचान संभव हो पाती है. जब आपके पास पैसा न हो फिर भी कोई व्यक्ति आपका साथ दे, वही सच्चा संबंधी होता है.
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