Diwali: दिवाली के दिन आपने अपने घर को दीयों और लाइटों से खूबसूरती से सजाया होगा. रोशनी के इस त्योहार में चारों तरफ जगमगाती रोशनी देखने लायक होती है. हर साल दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस पर्व को हिंदू धर्म में सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना गया है. दिवाली के बाद लोग अगले ही दिन जलते दीयों को कूड़े के ढेर में फेंक देते हैं, लेकिन ऐसा करना अशुभ होता है. क्या आप भी दिवाली के बाद दीयों को फेंक देते हैं? क्या आप उन्हें कूड़े के ढेर में फेंकते हैं? यहां जानिए दिवाली के बाद पुराने दीयों का क्या करना चाहिए.
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दिवाली के बाद दीयों का क्या करना चाहिए?
- दिवाली पर घरों को दीयों से सजाना बहुत खास माना जाता है. खासकर लक्ष्मी पूजा में दीयों का विशेष महत्व है, क्योंकि इनमें देवी लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए इन दीयों को सिर्फ जलाना ही नहीं, बल्कि सही तरीके से संभालना भी जरूरी है. इन्हें इधर-उधर फेंकना अशुभ माना जाता है.
- अगर दिवाली के बाद दीयों का उपयोग नहीं हो रहा है, तो उन्हें संभालकर रखा जा सकता है. पुराने दीयों को मंदिर में जला सकते हैं या घर के आंगन, छत और बालकनी में रोशनी के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
- लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा में हमेशा पांच नए दीये जलाने चाहिए. पुराने दीयों का इस्तेमाल केवल सजावट के लिए किया जा सकता है, लेकिन पूजा में नया दीया ही शुभ माना जाता है. यह परंपरा घर में सकारात्मक ऊर्जा और ऐश्वर्य लाने के लिए मानी जाती है.
- इन दीयों को नदी, तालाब या किसी जल स्रोत में प्रवाहित करना शुभ होता है. अगर आस-पास नदी या तालाब नहीं है, तो इन्हें मिट्टी में दबाकर या किसी सुरक्षित जगह पर रख सकते हैं. कुछ लोग इन्हें कुम्हार को दान भी कर देते हैं. बच्चों को बाँटने या जरूरतमंदों को देने से भी घर में खुशहाली आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

