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बच्चों में टाइप टू डायबिटीज का कारण क्या है? जानें तुरंत ब्लड शुगर मैनेज करने के आसान उपाय

How to manage diabetes in children: डाइट के खराब पैटर्न, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, अस्त-व्यस्त डेली रूटीन जैसी स्थिति बच्चों और किशोरों में बढ़ रही है और इसका नतीजा डायबिटीज की परेशानी है.

How to manage diabetes in children: बड़ों में डायबिटीज एक आम समस्या है, लेकिन हाल के दिनों में बच्चों में भी डायबिटीज की परेशानी में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. डाइट के खराब पैटर्न, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, अस्त-व्यस्त डेली रूटीन जैसी स्थिति बच्चों और किशोरों में बढ़ रही है और इसका नतीजा डायबिटीज की परेशानी है. ऐसे में वैसे बच्चे जिन्हें डायबिटीज की समस्या है उनके पैरेंट्स को बहुत ही सावधानी से यह चेक करने की जरूरत है कि उनके बच्चे की डाइट कैसी है और किस तरह की चीजें डाइट से बाहर की जानी चाहिए और कौन सी चीजों को एड किया जाना चाहिए. जानें बच्चों में ब्लड शुगर के लेवल को कैसे मैनेज करें और टाइप 2 डायबिटीज को मात देने के लिए क्या उपाय करने जरूरी हैं.

हाई फाइबर फूड्स लें

हाई फाइबर फूड्स शरीर में सूजन को कम करने, इम्यूनिटी को बढ़ाने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. हाल ही की एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि भोजन से पहले थोड़ी मात्रा में मट्ठा पीने से टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों को ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है.

सेब टाइप 2 डायबिटीज को रोकन में कारगर 

सेब पेट भरने वाला फ्रूट है क्योंकि इसमें फाइबर और विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. इसमें टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट डिजीज को रोकने के इतिहास के साथ पॉलीफेनोल्स और पौधों पर आधारित कैमिल होते हैं. सेब  फ्रुक्टोज का ब्लड शुगर लेवल पर लगभग बहुत कम प्रभाव पड़ता है. 

शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद करते हैं गाजर

डायबिटीज की समस्या में दैनिक आहार में गाजर को एड कर सकते हैं क्योंकि हालांकि ये स्वाद में मीठे होते हैं लेकिन ब्ल्ड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद भी करते हैं. कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होने के बावजूद यह मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है क्योंकि गाजर में स्टार्च नहीं होता है.

कॉम्पलेक्स कार्ब्स में होते हैं फाइबर, मिनरल्स

सिंपल कार्बोहाइड्रेट की तुलना में शरीर को कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट को ऑब्जर्ब करने में अधिक समय लगता है. यही वजह है कि कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स पचने में अधिक समय लेते हैं और अक्सर इसमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स शामिल होते हैं. इसलिए, वे तुरंत ब्लड शूगर को प्रभावित करते हैं और मैनेज करने में मदद करते हैं.

बड़े काम के हैं चिया सीड्स 

चिया सीड्स खाने में इतनी अच्छी नहीं लगती कि बच्चे स्वेच्छा से खा सकें, लेकिन यह कुछ ऐसा है जो वास्तव में उनके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. चिया सीड्स को बच्चों के डाइट में शामिल करने के कुछ दिलचस्प तरीके आजमा सकते हैं. चिया सीड्स में हेल्दी फैट, विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं. डायबिटीज केयर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चिया सीड्स ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, यह टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करता है.

दही का सेवन है सही

दही का सेवन करने से रोग से लड़ने में मदद मिल सकती है. दही प्रोटीन का एक अद्भुत स्रोत भी है. प्रोबायोटिक्स (अच्छे बैक्टीरिया) के रूप में जाने जाने वाले जीवित सूक्ष्मजीव सभी प्रकार के हानिकारक जीवाणुओं से बचाव में सहायता करते हैं. ये वायरस से लड़ने वाली कोशिकाओं की संख्या बढ़ाकर वे बीमारी से लड़ने में भी मदद करते हैं.

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रोजाना करें एक्सरसाइज

डायबिटिक बच्चों को प्रोसेस्ड मीट से बचना चाहिए क्योंकि उनमें फैट और नमक की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा ऐसे बच्चों के लिए यह जरूरी है कि वे घर जरूरी एक्सरसाइज या योग करें और नियमित रूप से सांस लेने की प्रैक्टिस करें. एक्सपर्ट कहते हैं कि हेल्दी फूड्स शुगर स्पाइक्स को रोकने और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करने में मदद कर सकते हैं जिससे अंततः डायबिटीज के लिए दवाओं पर निर्भरता कम हो सकती है.

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