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ज्यादा मात्रा में Mulethi के सेवन से अमेरिकी व्यक्ति की मौत, जानें हर दिन कितनी मात्रा में करें सेवन और क्या इसके फायदे व नुकसान

Mulethi benefits & side effects, man died due to licorice candy, Health news : आयुर्वेद में मसालों और जड़ी-बूटियों के कई स्वास्थ्य लाभ बताए गए है. यह इम्यूनिटी को बढ़ाने से लेकर कई रोगों में लाभदायक होते हैं. हालांकि, इनका ज्यादा मात्रा में सेवन करना हानिकारक भी हो सकता है. यहां तक ​​इससे मृत्यु भी हो सकती है. एक रिपोर्ट की मानें तो कई रोगों में लाभदायक मुलेठी के ज्यादा मात्रा में सेवन करने से एक अमेरिकी व्यक्ति की मौत हो गयी. ऐसे में आइये जानते हैं मुलेठी के कुछ स्वास्थ्य लाभ, इससे होने वाले हानि और प्रतिदिन कितनी मात्रा में सेवन करना सही...

Mulethi benefits & side effects, man died due to licorice candy, Health news : आयुर्वेद में मसालों और जड़ी-बूटियों के कई स्वास्थ्य लाभ बताए गए है. यह इम्यूनिटी को बढ़ाने से लेकर कई रोगों में लाभदायक होते हैं. हालांकि, इनका ज्यादा मात्रा में सेवन करना हानिकारक भी हो सकता है. यहां तक ​​इससे मृत्यु भी हो सकती है. एक रिपोर्ट की मानें तो कई रोगों में लाभदायक मुलेठी के ज्यादा मात्रा में सेवन करने से एक अमेरिकी व्यक्ति की मौत हो गयी. ऐसे में आइये जानते हैं मुलेठी के कुछ स्वास्थ्य लाभ, इससे होने वाले हानि और प्रतिदिन कितनी मात्रा में सेवन करना सही…

आपको बता दें कि मुलेठी जैसे मसालों का प्रतिदिन सेवन करने से गले के संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है. यही नहीं, यह एक एंटीवायरल और रोगाणुरोधी जड़ी-बूटियों में से एक है. इसमें ग्लाइसीराइजिक एसिड पाया जाता है. इसी एसिड के कारण ये स्वाद मीठा होता है. मुलेठी को लाइसोरिस भी कहा जाता है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राज्य मैसाचुसेट्स में एक श्रमिक की मौत उसके मुलेठी जूस की आदत से हो गई. 54 वर्षीय व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आया था. लेकिन, चौंकाने वाली बात यह थी कि इससे पहले उस व्यक्ति में इससे संबंधित कोई लक्षण नहीं दिखे थे. डॉक्टर ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन को बताया कि कैसे उस व्यक्ति की मौत उस ड्रिक में ग्लाइसीराइज़िक एसिड की मात्रा होने से हुई.

डॉ. इलाजर आर एडेलमैन ने बताया कि वह व्यक्ति ज्यादा मात्रा में मुलेठी का सेवन करता था. उन्होंने अध्ययन में पाया कि मुलेठी जूस या काढ़ा में पाए जाने वाले ग्लाइसीराइज़िक एसिड के कारण उच्च रक्तचाप, हाइपोकैलिमिया, लो मेटाबोलिजम, घातक अतालता और किडनी के डैमेज होने तक का कारण बन सकता हैं.

वहीं, कार्डियोथोरेसिक व फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के निदेशक डॉ. उदगित धीर ने भी इस बात को माना. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस कोरोना काल में लोग इलायची और काढ़ा जैसे अन्य आयुर्वेदिक पदार्थों का अत्यधिक मात्रा में सेवन कर रहे है. उन्होंने बताया कि ग्लाइसेमिक हमारे शरीर में शूगर की मात्रा को बढ़ाता है. साथ ही साथ पोटेशियम के निम्न स्तर के कारण भी बनता है. जिसके कारण व्यक्ति में अचानक कार्डियक अरेस्ट की समस्या हो सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि किसी व्यक्ति के रक्त में यदि पोटेशियम का स्तर अचानक से कम हो जाता है, तो उसकी मृत्यु संभव है.

डॉ. धीर की मानें तो प्रतिदिन एक ग्राम से अधिक मात्रा में मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए. उन्होंने बताया कि मृत व्यक्ति ने ड्रिंक के तौर पर ज्यादा मात्रा में इसके सेवन शुरू कर दिया था.

मुलेठी का उपयोग सदियों से किया जा रहा है, जानें इसके कुछ स्वास्थ्य लाभ

  1. इसमें प्राकृतिक मिठास होता है

  2. एंटीऑक्सिडेंट और स्वास्थ्यवर्धक पोषक तत्वों से भरपूर मुलेठी हमारे त्वचा संबंधी समस्याओं का रामबाण ईलाज है.

  3. यह चेहरे में निखार से लेकर डेड सेल्स को समाप्त कर निखरती त्वचा का कारण बनता है.

  4. पिंपल्स को जड़ से समाप्त करने में भी लाभदायक

  5. सही मात्रा में लेने पर दिल के रोगों में भी लाभदायक

  6. खांसी और गले का रोगों का भी इससे ईलाज संभव है. सूखी खांसी और कफ से तुरंत राहत दिलाता है.

  7. इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है. जिसके कारण शरीर संक्रामक रोगों से लड़ पाता है.

Note : उपरोक्त जानकारियां अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के आधार पर है.

Posted By : Sumit Kumar Verma

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