36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Ultrasound भी समाप्त कर सकता है शरीर में छिपे Coronavirus को, MIT यूनिवर्सिटी की शोध में हुआ खुलासा

Coronavirus, Ultrasound Damage Covid-19, Mit University Research, Health News: एक नए अध्ययन से पता चला है कि अल्ट्रासाउंड से जानलेवा कोरोनावायरस समाप्त हो सकता है. दरअसल इससे निकलने वाले वाइब्रेशन से वायरस को नुकसान होने की बात कही जा रही है. आपको बता दें कि कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल करने वाली एक स्टडी ने इस बात का खुलासा किया है. जिसके अनुसार मेडिकल डायग्नोसिस इमेजिंग में इस्तेमाल होने वाली फ्रीक्वेंसी से वायरस को समाप्त करने की पूरी क्षमता बतायी जा रही है.

Coronavirus, Ultrasound Damage Covid-19, Mit University Research, Health News: एक नए अध्ययन से पता चला है कि अल्ट्रासाउंड से जानलेवा कोरोनावायरस समाप्त हो सकता है. दरअसल इससे निकलने वाले वाइब्रेशन से वायरस को नुकसान होने की बात कही जा रही है. आपको बता दें कि कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल करने वाली एक स्टडी ने इस बात का खुलासा किया है. जिसके अनुसार मेडिकल डायग्नोसिस इमेजिंग में इस्तेमाल होने वाली फ्रीक्वेंसी से वायरस को समाप्त करने की पूरी क्षमता बतायी जा रही है.

क्या है शोध

दरअसल, अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के शोधकर्ताओं ने पाया कि अल्ट्रासाउंड के 25 से 100 मेगाहर्ट्ज के बीच वाइब्रेशन करने पर वायरस के सेल को नुकसान पहुंचा. साथ ही साथ उसके स्पाइक को नष्ट करने में सफलता मिली. 1 मिली सेकंड के कुछ हिस्सों तक वे टूटने लगे.

ये अध्ययन जर्नल ऑफ मैकेनिक्स एंड फिजिक्स ऑफ सॉलिड में प्रकाशित हुई है जिस के अनुसार इसका प्रभाव हवा और पानी दोनों में देखने को मिला है. ऐसे में शोधकर्ताओं की टीम ने खुलासा किया है कि अल्ट्रासाउंड से भी कोरोनावायरस का ट्रीटमेंट संभव है.

एमआईटी में अप्लाइड मैकेनिक्स के प्रोफेसर टॉमस बीयर जविकी की माने तो अब अल्ट्रासाउंड के वाइब्रेशन से कोरोनावायरस की सेल को नुकसान पहुंच सकता है. साथ ही साथ हाई फ्रिकवेंसी कंपन से पैदा होने वाले स्ट्रेन वायरस के कुछ हिस्सों को तोड़ा जा सकता है और स्पाइक को भी रोका जा सकता है.

Also Read: भारत में कोरोना के दैनिक मामलों में 10 महीनों बाद पिछले पांच दिनों में हुई सबसे तेज वृद्धि

शोध के मुताबिक यह कंपन वायरस की हिस्से को तोड़कर बाहरी सेल को तो नुकसान होने से बचाता ही है साथ ही साथ संभावना है कि RNA के अंदर भी वायरस को बहुत हद तक क्षति पहुंचाता है.

हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि यह अभी शुरूआती संकेत है अभी इस पर विस्तार से अध्ययन होना बाकी है. जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि यह तकनिक मानव शरीर के भीतर वायरस को कितना नुकसान पहुंचाने में प्रभावी है.

Posted By: Sumit Kumar Verma

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें