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National Heart Failure Conclave 2022: हृदय स्वास्थ्य से संबंधित भारत का पहला हेल्थ एटीएम लांच

National Heart Failure Conclave 2022: नेशनल हार्ट फेल्योर कॉन्क्लेव-2022 में दिल्ली और एनसीआर के 200 से अधिक प्रख्यात डॉक्टरों व कार्डियोलॉजिस्ट ने लिया भाग एवं ह्रदय रोगों की रोकथाम पे चर्चा की

National Heart Failure Conclave 2022: आईएमए एनडीबी ने देश में बढ़ते हार्ट फल्योर की घटना के मद्देनजर पिछले दिनों होटल इरोस इंटरनेशनल, नेहरू प्लेस, नई दिल्ली में नेशनल हार्ट फेल्योर कॉन्क्लेव-22 का आयोजन किया. इस कॉन्क्लेव में दिल्ली/एनसीआर के 200 से अधिक प्रख्यात डॉक्टरों/हृदय रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया और हृदय के देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया.

इस कॉन्क्लेव के दौरान हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले कारणों के शीघ्र निदान के लिए इंडिया हेल्थ लिंक (आईएचएल) द्वारा विकसित भारत का अपनी तरह का पहला हेल्थ एटीएम प्रस्तुत किया गया. आईएचएलएस/ एचपीओडी (फिटनेस स्टेशन/हेल्थ कियोस्क/हेल्थ एटीएम) एक गैर-इनवेसिव डिजिटल रूप से एकीकृत फिजिटल (भौतिक + डिजिटल) पारिस्थितिकी तंत्र है, जो प्राथमिक, निवारक और भविष्य से संबंधित स्वास्थ्य सेवा को जोड़ता है. कॉन्क्लेव में उपस्थित 50 से अधिक डॉक्टरों ने इस एटीएम की मदद से 5 मिनट से भी कम समय में 22 विटाल जांच किया और वे इससे काफी संतुष्ट नजर आये.

इंडिया हेल्थ लिंक (आईएचएल) के संस्थापक और सीईओ, डॉ सत्येंद्र गोयल कहते हैं कि जिस तेजी से भारत मे हार्ट फेल्योर की घटनाएं बढु रही हैं,उसे कम करने और उसमें सुधार में एचपीओडी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

एचपीओडी’ एटीएम के आकार का एक स्वास्थ्य स्टेशन है, जो किसी भी मेडिकल औजार की मदद लिए बिना रक्तचाप, तापमान, बॉडी मास कंपोजिशन, पल्स, एसपीओ 2 और ईसीजी जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने में सक्षम है. हार्ट फल्योर व हार्ट अटैक के ये सभी प्रमुख कारण हैं. आईएचएल का यह हेल्थ एटीएम आधुनिक विशेषताओं से लैस है जो हमें चयापचय संबंधी विकारों की जानकारी काफी पहले दे देता है, इससे इलाज में काफी सुविधा हो जाती है. लंबे समय तक चलने वाले इलाज में यह एटीएम काफी मददगार साबित हो सकता है.

कॉन्क्लेव के दौरान बोलते हुए, डॉ विवेक कुमार, अध्यक्ष, आईएमए एनडीबी, वरिष्ठ सलाहकार, कार्डियोलॉजिस्ट और मैक्स हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली के निदेशक कहते हैं कि एआरएनआई की निष्क्रियता के कारण हार्ट फेल्योर के मरीज अस्पताओं में भर्ती नहीं हो पाते हैं. इसमें सुधार की आवश्यकता है. डिवाइस थेरेपी और अन्य उपायों द्वारा इसमें सुधार किया जा सकता है.

हृदय स्वास्थ्य पर चर्चा को और आगे बढ़ाते हुए डॉ एचके. चोपड़ा, मुख्य सलाहकार, एनएचएफसी-2022, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, विज्ञान और तकनीकी संचार, पूर्व अध्यक्ष, कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, वरिष्ठ सलाहकार कार्डियोलॉजिस्ट, मेदांता मूलचंद, हार्ट इंस्टीट्‌च्यूट ने कहा कि हार्ट फेल वाले मरीजों का समय पर एनटी प्रो-बीएनपी और इकोकार्डियोग्राफिक का मूल्यांकन आवश्यक है, क्योंकि हार्ट के फेल होने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. एसजीएलटी2आई ऑपरेशन के खतरे को कम करता है और हार्ट को काम करने में मदद करता है.

कॉन्क्लेव में बतौर विशिष्ट अतिथि डीएमसी के अध्यक्ष डॉ अरुण गुप्ता, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय अग्रवाल, डीएमए के अध्यक्ष डॉ अश्विनी डालमिया, डीएमसी सचिव डॉ गिरीश त्यागी, डॉ आईपीएस,कालरा, पूर्व अध्यक्ष, आईएमए एनडीबी उपस्थित थे. अन्य प्रख्यात शिक्षकों में डॉ विपुल गुप्ता, डॉ सुभाष चंद्रा, डॉ जी.के. मणि, डॉ प्रवीण चंद्र, डॉ के भार्गव, डॉ टीएस. क्लेर, डॉ वनिता अरोड़ा, डॉ अनिल सक्सेना, डॉ एस रामकृष्णन, डॉ राहुल चंदोला, डॉ निधि धवन उपस्थित थीं.

इस कॉन्क्लेव में देश के विभिन्न हिस्सों से आये 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने लिया. और उच्च रक्तचाप, मधुमेह, डिस्लिपिडेमिया, सीकेडी, मोटापा और अलिंद के नियंत्रण पर राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया. साथ ही हार्ट फेल्योर के दिशा-निर्देशों का पालन करने का भी लोगों से आग्रह किया. कॉन्क्लेव में इस बात की भी जानकारी दी गयी कि फिब्रिलेशन आईएमए एनडीबी शीघ्र ही जनहित में हार्ट फेल्योर प्रिवेंशन ऐप लॉन्च करेगा.

कॉन्क्लेव में चर्चा के दौरान जो एक सबसे जरूरी बात उभकर सामने आयी वह यह कि एआरएनआई और एसजीएनटी2आई से हार्ट फेल्योर की घटना को कम किया.

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