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छुट्टियां और आपका मस्तिष्क : अपनी भावनाओं को कैसे पहचानें और संभालें – रिसर्च

RESEARCH: कई लोगों के लिए छुट्टियां काफी आनंददायक होती है लेकिन कई बार कुछ लोगों के लिए यही छुट्टियां तनाव का भी कारण बन जाती हैं. एक नये रिसर्च में कुछ नई बातें सामने आई हैं .छुट्टियों का मौसम भी मूड और व्यवहार में कुछ हद तक अनुमानित बदलाव ला सकता है.

(सीना मैथ्यू, यूनिवर्सिटी ऑफ मेरी हार्डिन-बेलर)

बेल्टन (अमेरिका), जिस तरह दिन छोटे और ठंडे होने के साथ ही मौसम में होने वाला बदलाव अपने साथ आपके मूड में बदलाव और अन्य भावनात्मक चुनौतियां ला सकता है, उसी तरह छुट्टियों का मौसम भी मूड और व्यवहार में कुछ हद तक अनुमानित बदलाव ला सकता है.

वर्ष के इस समय के आसपास, हम में से कई लोग सामान्य से अधिक तनाव, चिंता और हताशा का अनुभव करते हैं. ये तनाव हृदय के काम करना बंद कर देने, शराब विषाक्तता के उच्च स्तर और हृदयाघात से होने वाली मौतों में वृद्धि से जुड़े हुआ है.

तनाव किस कारण से होता है और मस्तिष्क के कौन से हिस्से सक्रिय रूप से इसमें शामिल हैं, इसे पहचानना सीखना तनाव प्रतिक्रिया को व्यवस्थित करने में मदद कर सकता है.

एक तंत्रिका विज्ञानी के रूप में शोध करने वाले अक्सर व्यवहार और मस्तिष्क के बीच गतिशील संबंध के बारे में उत्सुक रहते हैं जिसमें पाया गया कि जैविक रूप से कहें तो छुट्टियों के तनाव के प्रति आपकी प्रतिक्रियाओं को इस जागरूकता के जरिये प्रबंधित करने के तरीके हैं कि वे क्यों होते हैं

अधश्चेतक (हाइपोथैलमस) का दोहन
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छुट्टियां और आपका मस्तिष्क : अपनी भावनाओं को कैसे पहचानें और संभालें - रिसर्च 3

यात्रा कार्यक्रम में देरी, भीड़भाड़ वाले हवाई अड्डे और भीड़भाड़ वाले राजमार्ग परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए यात्रा करने वालों की निराशा का कारण बन सकते हैं. इस प्रकार के तनावों के प्रति आपकी प्रतिक्रिया में शामिल मस्तिष्क का एक क्षेत्र हाइपोथैलेमस है, मस्तिष्क में एक गहन संरचना जो शरीर को स्थिर स्थिति में रखने की प्रक्रिया (होमोस्टैसिस) में शामिल होता है.

हाइपोथैलेमस स्वायत्त तंत्रिका तंत्र को विनियमित करने के लिए काम करता है, यह एक प्रणाली है जो हृदय गति, रक्तचाप और श्वसन जैसी तंत्रिका तंत्र द्वारा स्वायत्त नियंत्रित प्रतिक्रियाओं का समन्वय करती है.

जब आप तनाव में होते हैं जैसे कि जब आपको पता चलता है कि आपकी उड़ान में देरी हो गई है या उसे रद्द कर दिया गया है तो आपका हाइपोथैलेमस कोर्टिसोल और एपिनेफ्रिन जैसे तनाव हार्मोन का स्त्राव करता है. बदले में ये हार्मोन शारीरिक प्रतिक्रियाओं जैसे हृदय गति में वृद्धि, पसीना और जलन और हताशा की भावनाओं को शुरू करते हैं.

जब आप इन तनाव का अनुभव करते हैं, तो गहरी सांस लेने का अभ्यास करें. धीमी, गहरी सांसें लेकर, आप ‘पैरासिम्पेथेटिक’ तंत्रिका तंत्र को सक्रिय कर सकते हैं, जो बदले में आपकी नसों को शांत कर सकता है और निराशा को कम कर सकता है.

पारिवारिक संबंध और बातचीत
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छुट्टियां और आपका मस्तिष्क : अपनी भावनाओं को कैसे पहचानें और संभालें - रिसर्च 4

जब परस्पर विरोधी व्यक्तित्व, अनसुलझे मुद्दे या पारिवारिक रिश्ते उलझे हुए होते हैं, तो छुट्टियों के दौरान परिवार से मिलना जटिल भावनाओं को जन्म दे सकता है. जब आप अभिभूत या निराश महसूस कर रहे हों, तो स्थिति से दूर जाने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लेने से एक नया दृष्टिकोण मिल सकता है और आप एक स्पष्ट मनोदशा के साथ वापस लौट सकते हैं. यह ब्रेक आपको इस क्रिया-परिणाम सीखने को सुदृढ़ करने की अनुमति देगा.

वित्तीय चिंताएं

छुट्टियों का मौसम उन लोगों पर अनावश्यक बोझ डाल सकता है जो आर्थिक या वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे हैं. छुट्टियों के भोजन की मेजबानी, उपहार खरीदने या यात्रा करने की लागत पहले से ही तनावपूर्ण समय के दौरान अतिरिक्त वित्तीय तनाव में योगदान कर सकती है.

तनाव कम करने के कुछ उपाय यह हो सकते हैं कि दोस्तों और परिवार के लिए उपहार खरीदने के बजाय उन्हें बनाया जाए. यात्रा लागत में कटौती करने में मदद के लिए, फिलहाल एक डिजिटल अवकाश ले सकते हैं, उसके बाद व्यक्तिगत यात्रा तब करें जब यह कम खर्चीला हो या जब वित्तीय स्थिति को लेकर तनाव कम हो गया हो.

अकेलापन और अलगाव

अलगाव और अकेलेपन की भावनाएं हममें से उन लोगों में पैदा हो सकती हैं जिनके पास जश्न मनाने के लिए परिवार या दोस्त नहीं हैं या फिर शायद जिन्हें हम प्यार करते हैं, उनसे मिलने के लिए यात्रा करने में असमर्थ हैं.

अध्ययनों से पता चला है कि नियमित व्यायाम करने से आप अपने मूड को बेहतर बनाने और निराशा और जलन की भावनाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं. निर्मित तनाव और निराशा को दूर करने के लिए शारीरिक गतिविधि एक प्रभावी उपाय हो सकती है.

राजनीतिक चर्चा

पारिवारिक समारोहों में समसामयिक घटनाओं या राजनीति के बारे में चर्चा हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप परिवार के सदस्यों के बीच तीखी बहस और असहमति उभर सकती है. ये बातचीत बहुत निराशाजनक और परेशान करने वाली भी हो सकती है, खासकर आज की ध्रुवीकृत दुनिया में.

‘प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स’ मस्तिष्क का एक क्षेत्र है जो आवेग नियंत्रण, निर्णय लेने और भावनात्मक विनियमन में शामिल होता है. यह कुछ स्थितियों का आकलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे अत्यधिक बातचीत, और यह आपके संभावित कार्यों का मूल्यांकन और विचार करने और आपकी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में आपकी सहायता करता है.यह समझना कि इन स्थितियों में आपकी हताशा का कारण क्या है, उन्हें प्रबंधित करने या उनसे बचने के लिए सक्रिय रणनीति विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

एक बार में एक कदम

निराशा को कम करना एक क्रमिक प्रक्रिया है, और अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग रणनीतियाँ काम करती हैं.

अपने तनाव और हताशा के मूल कारण की पहचान करना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपनी लक्षित मुकाबला रणनीति विकसित कर सकें.

कुछ उदाहरणों में किसी शौक जैसे संगीत सुनना, टहलना या दौड़ना, या बस विश्राम तकनीकों का अभ्यास करना शामिल है. याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने मस्तिष्क को इस बात के लिये प्रशिक्षित करना कि यह एक मैराथन (लंबी चलने वाली प्रक्रिया) है, न कि फर्राटा दौड़.

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