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सही खान-पान और रहन-सहन नही होने के कारण बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज, जानें बचाव के उपाय

इन दिनों डायबिटीज की समस्या आम हो गई है. बड़े तो बड़े बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण है हमारा रहन-सहन और खान-पान. हमारी दिनचर्या ऐसी हो गयी है कि हमारे पास शारीरिक श्रम करने की भी फुसर्त नही है. पिछले 20 वर्षो में डायबिटीज यानी मधुमेह रोग काफी हद तक बढ़ गया है. विशेषज्ञों की मानें तो शहरों में 20 वर्षों से अधिक उम्रवालों में 11-12 प्रतिशत लोग इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं. और इसकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है जो 2025 में बढ़ कर 8.5 करोड़ हो जायेगी.

इन दिनों डायबिटीज की समस्या आम हो गई है. बड़े तो बड़े बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण है हमारा रहन-सहन और खान-पान. हमारी दिनचर्या ऐसी हो गयी है कि हमारे पास शारीरिक श्रम करने की भी फुसर्त नही है. पिछले 20 वर्षो में डायबिटीज यानी मधुमेह रोग काफी हद तक बढ़ गया है. विशेषज्ञों की मानें तो शहरों में 20 वर्षों से अधिक उम्रवालों में 11-12 प्रतिशत लोग इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं. और इसकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है जो 2025 में बढ़ कर 8.5 करोड़ हो जायेगी.

आपको बता दें की डायबिटीज का अर्थ केवल खून में चीनी का बढ़ना नहीं होता है. इसका अगर समय से इलाज नही हो पाया तो कई तरह की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके बढ़ने से या तो किसी का बीपी बढ़ जाता है या तो कोलेस्ट्रॉल. कुछ वर्षों बाद हृदय रोग, किडनी, आंख या नसें खराब होने की भी आशंका बढ़ जाती है. डायबिटीज के साथ-साथ अन्य रोगों के बढ़ने की अवस्था को ही मेटाबॉलिक सिंड्रोम या सिंड्रोम एक्स कहा जाता है.

कैसा फैल रहा है डायबिटीज

आपको बता दें कि भोजन से आजकल मोटे अनाज जैसे रागी-मड़ुआ, ज्वार-बाजरा, मकई, फाफर (कुट्टू) आदि चीजें गायब हो गई है. आटा में भी अब चोकर नहीं रहता है. चावल को भी प्रोसेस कर दिया जाता है, जिससे उसके ऊपर की परत गायब हो जाती है, जो विटामिन और खनिजों से भरपूर होती है. अत: बिमारियों को बढ़ावा इन्हीं पैकेजींग फूड्स से मिल रहा है.

तनाव भी डायबिटीज के बढ़ने का मुख्य कारण है. 5-6 वर्ष के बच्चों को स्कूल का तनाव तो 10वीं-बारहवीं के बच्चों को ज्यादा मार्क्स स्कोर करने का तनाव. स्कूल की पढ़ाई समाप्त होने के बाद नौकरी का तनाव. तनाव ही पूरी जिंदगी बन गई है ऐसे में डायबिटीज होना आम बात है.

डायबिटीज से बचाव के उपाय

– प्रतिदिन 2-4 किलोमीटर की वॉकिंग डायबिटीज से बचाव में काफी लाभदायक है. यह हमारे इंसुलिन को संवेदनशील कर देता है और अरमानों को नये पंख देता है.

– जिम में रस्सी कुदना, दौड़ना या अन्य रेसिसटेंस टाइप के व्यायाम, भी बड़े उपयोगी है,

– योगा हमारे स्रावित करने वाले बीटा सेल्स को नवजीवन प्रदान करते हैं

इसके सेवन से डायबिटीज होंगे दूर

– डायबिटीज के उपचार में लाभदायक है मसाले. घरों में काम आने वाले हल्दी, मेथी, दालचीनी, कलौंजी या मंगरैला जैसे मसाले डायबिटीज के होने की आशंका कम करते हैं.

– 15 से 20 ग्राम मेथी के नियमित प्रयोग ब्लड शूगर में 15-20% की कमी करता है. इसे छह-आठ हफ्तों तक लगातार प्रयोग में लाने से ब्लड शूगर के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कम होता है.

– इसके अलावा दो-तीन ग्राम मंगरैले का सेवन भी रोग के नियंत्रण में सहायक है

– आपको बता दें कि आलू, शकरकंद जैसे कंदों का सेवन को 35-40 वर्ष के आद कम कर देना चाहिए.

– उसके जगह पर करेला, सेम, बींस, गाजर, लौकी, परवल, झींगा, तोरई, पपीता, पालक तथा अन्य पत्तेदार साग-सब्जियों के खाने से ब्लड शूगर लेवल कंट्रोल होता है साथ ही शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन तथा मिनरल्स मिलती है.

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