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जानें क्या है ऑडियो थेरेपी, किन मरीजों के लिए है लाभदायक, इससे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री का भी हो चुका है ईलाज

benefits of audio music therapy for mental health भारत में संगीत का महत्व सदियों से रहा है. लेकिन, विदेशों की तुलना में इसके जरिये यहां ईलाज आज भी कम प्रचलित है. यह एक तरह की थेरेपी है जो कई गंभीर बीमारियों से मुक्ति दिला सकती है. आपको बता दें कि हाल ही में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए उन्हें ऑडियो थैरेपी दिया गया था. जिसके बाद उनमें आंशिक सुधार भी दिखा था.

benefits of audio music therapy for mental health भारत में संगीत का महत्व सदियों से रहा है. लेकिन, विदेशों की तुलना में इसके जरिये यहां ईलाज आज भी कम प्रचलित है. यह एक तरह की थेरेपी है जो कई गंभीर बीमारियों से मुक्ति दिला सकती है. आपको बता दें कि हाल ही में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए उन्हें ऑडियो थैरेपी दिया गया था. जिसके बाद उनमें आंशिक सुधार भी दिखा था.

उपचार और थेरेपी कैसे एक दूसरे से अलग है?

उपचार और थेरेपी में थोड़ी असमानता है. हालांकि, शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए उपचार और थेरेपी दोनों सहयाक है. आपको बता दें कि जब हमारा शरीर किसी बीमारी से प्रभावित होता है तो हमें सबसे पहले उपचार की जरूरत पड़ती है, जबकि स्वास्थ्य में सुधार और शरीर को मजबूत बनाने के लिए थेरेपी की जरूरत पड़ती है.

क्या है ऑडियो थेरेपी?

दरअसल, ऑडियो थेरेपी एक तरह के ईलाज की व्यवस्था है जिससे स्वास्थ में सुधार लाने के लिए उपयोग में लोया जाता है. इसके जरिये मरीजों को संगीत सुनाकर ईलाज किया जाता है. यह विशेषकर दिमाग और किसी भी तरह के तंत्रिका तंत्र संबंधी रोगों के ईलाज में उपयोगी है. इसे म्यूजिक, साउंड या संगीत थेरेपी भी कहा जाता है. जी में छपी खबर की मानें तो विशेषज्ञों के अनुसार मन को एकाग्र करने वाला संगीत जब मरीजों तक पहुंचता है तो उसमें से एक हार्मोन निकलता है जिसे डोपामिन कहते हैं. यह हार्मोन मरीजों में खुशी का भाव लाता है जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार आने लगता हैं.

संगीत के माध्यम से कई और उपचार भी संभव है. इससे चिड़चिड़ापन, सिर दर्द, अनिद्रा, मानसिक तनाव जैसी बीमारियां आसानी से दूर हो जाती हैं.

हाल ही में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को कार्डियक अरेस्ट के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां डॉक्टरों ने ईलाज के दौरान पाया कि उनके मस्तिष्क में गतिविधियां न के बराबर दिख रही थी. वहीं, सांस लेने में भी दिक्कतें आने लगी और उन्हें वेंटीलेटर पर भी रखा गया. जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें ऑडियो थेरेपी दी. उन्हें लोकप्रिय संबलपुरी और छत्तीसगढ़ी गीत सुनाया गया.

पहले भी स्वास्थ्य में सुधार के लिए उपयोग में लाया गया है संगीत थेरेपी

संगीत थेरेपी यानी ऑडियो थैरेपी का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. आपको बता दें कि दोनों विश्वयुद्धों के पश्चात भी मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए इसे उपयोग में लाया जा चुका है. अस्पतालों में भर्ती सैनिकों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए इसका प्रयोग किया गया था. खबरों की मानें तो ब्रिटेन में नैदानिक संगीत चिकित्सा की शुरुआत फ्रांस की सेलोवादक जूलियट एल्विन द्वारा किया गया था. संगीत चिकित्सा संयुक्त राज्य अमेरिका में भी प्रचलित थी.

संगीत चिकित्सा में पढ़ाई

वर्ष 1944 में संगीत चिकित्सा का पहला स्नातकपूर्व डिग्री पाठ्यक्रम मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी तथा कैनसास विश्वविद्यालय में पहली बार स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किया गया था. अमेरिकन म्यूज़िक थेरैपी एसोसिएशन की स्थापना 1998 में, संगीत चिकित्सा के लिए राष्ट्रीय संगठन तथा संगीत चिकित्सा के अमरीकी संगठन के बीच विलय के रूप में की गई. इसके अलावा इंस्टीट्यूट फॉर म्यूजिक एंड न्यूरोलॉजिक फ़ंक्शन, नोर्डॉफ़-रोबिन्स सेंटर फ़ॉर म्यूज़िक तथा द बॉनी फाउंडेशन भी संगीत चिकित्सक के लिए मौजूद है. भारत में भी अब इससे संबंधीत स्टडी संभव है. चेन्नई स्कूल ऑफ म्यूजिक थेरेपी, मीरा सेंटर ऑफ फॉर म्यूजिक, एडूकेशन एंड रिसर्च , बेंगलूरु के अलावा बंगाल व अन्य जगहों पर शिक्षा उपलब्ध है.

आपको बता दें कि संगीत चिकित्सा स्नातक अभ्यर्थी, संगीत चिकित्सा में स्नातकपूर्व, मास्टर, या डॉक्टरेट डिग्री प्राप्त कर सकता है. संगीत चिकित्सक के लि CMT, ACMT, या RMT पद भी मौजूद हैं.

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