10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक्टर बनना चाहते थे महबूब खान, इस फिल्म में हुए थे कास्ट, फिर हुआ कुछ ऐसा कि…

Mehboob Khan Death Anniversary: कभी एक्टर बनने का सपना देखने वाले महबूब खान ने निर्देशक बनने का सफर कैसे तय किया इसके बारे में आज हम उनके 60वीं पुण्यतिथि पर जानेंगे.

Mehboob Khan Death Anniversary: फिल्मी दुनिया के विख्यात निर्देशक महबूब खान की आज 60वीं पुण्यतिथि है. दरअसल, महबूब खान का जन्म 9 सितंबर 1907 में गुजरात के बिलिमोड़ा में हुआ था. महमूब खान का असली नाम रमजान खान था. महबूब खान का बचपन से फिल्मों के प्रति रुझान था. उन्होंने अपने 30 साल के फिल्मी करियर में कुल 40 फिल्मों का डायरेक्शन किया था. जिसमें सबसे ज्यादा नाम नर्गिस और सुनील दत्त स्टारर फिल्म मदर इंडिया ने कमाया है. उनकी इस फिल्म को दर्शकों ने इतना पसंद किया फिल्म को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ अवार्ड ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया. हालांकि, फिल्म को यह अवार्ड नही मिल पाया लेकिन विदेश में भी फिल्म को काफी प्रशंसा मिली.

महबूब खान एक्टर बनना चाहते थे

महबूब खान का बचपन से ही फिल्मों में रुझान होने के कारण वह भी एक दिन एक्टर बनना चाहते थे. इसके लिए वह महज 16 साल की उम्र में मुंबई भाग आए थे. इस बात की खबर जब पिता को हुई तो वह महबूब को अपने साथ घर वापस ले आए.

Also Read Shehnaaz Gill को डेट करने की खबरों पर गुरु रंधावा ने किया रिएक्ट, कहा- मुझे बहुत अच्छा लगता है जब…

घोड़े की नाल ठोकने की नौकरी कर चूके हैं महबूब

महबूब के पिता जब उन्हें वापस घर ले आए, तब भी एक्टर बनने का सपना महबूब ने नही छोड़ा. वह जब 23 साल के हुए तब सिनेमा इंडस्ट्री के जानकर नूर मोहम्मद के साथ सपनो को नगरी मुंबई आ गए. नूर मोहम्मद फिल्मों की शूटिंग के लिए घोड़े सप्लाई करते थे. यहां उन्होंने घोड़े की नाल ठोकने की नौकरी भी की.

महबूब खान कैसे बने निर्देशक?

महबूब खान एक दफा साउथ फिल्म की शूटिंग सेट पर पहुंचे, उस फिल्म का निर्देशन चंद्रशेखर कर रहे थे. फिल्म की शूटिंग को देख महबूब का भी मन एक्टिंग करने का करने लगा. जिसके लिए उन्होंने निर्देशक से बात की और उनकी इस इच्छा को निर्देशक ने मंजूरी दी. उन्होंने महबूब को चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर रख लिया था. उसके बाद महबूब कई साइलेंट फिल्मों में सपोर्टिंग रोल करने लगे. एक खास किस्सा तो यह है कि जब भारत में पहली बोलती निर्देशक अर्देशिर ईरानी की फिल्म ‘आलम आरा’ की शूटिंग चल रही थी, तब महबूब को लीड रोल के लिए फाइनल किया गया था. लेकिन पहली बोलती फिल्म होने के कारण निर्देशक कोई चांस नहीं लेना चाहते थे इसलिए बाद में उन्होंने यह रोल विट्ठल को दे दिया. जिसके बाद से महबूब खान ने एक्टर बनने का सपना छोड़ दिया और निर्देशन की तरफ ध्यान देने लगे. इसके लिए वह सागर मूवीटोन से जुड़ गए थे. बाद में महबूब ने अपना प्रोडक्शन हाउस महबूब प्रोडक्शन की स्थापना की. इतना ही नहीं बल्कि मुंबई बांद्रा में उन्होंने महबूब स्टूडियो की भी स्थापना की.

महबूब खान को मिलने वाले पुरस्कार

महमबू खान को सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए दो फिल्मफेयर अवार्ड, दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और विदेशी भाषा फिल्म के लिए दो अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया.

महबूब खान की मृत्यु कैसे हुई?

महबूब खान की मृत्यु 28 मई 1964 में हार्ट अटैक आने से हुई थी. उनके निधन को आज 28 मई 2024 को पूरे 60 साल हो गए हैं. वह पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिसने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को विश्वप्तल पर आगे ले जाने के लिए पहला सफर तय किया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें