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खास बातचीत: शादी के बाद प्रियंका बन गयीं हैं ज्यादा अच्छी, पति जोनास बहुत ही शांतिप्रिय इंसान

बॉलीवुड से तीन साल तक दूर रहीं प्रियंका चोपड़ा ‘द स्काई इज पिंक’ से हिंदी फिल्मों में एक बार फिर से वापसी कर रही हैं. प्रियंका चोपड़ा को बॉलीवुड इंडस्ट्री में आये 19 साल हो गये हैं. प्रियंका की अगली फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ 11 अक्तूबर को रिलीज हो रही है. इस फिल्म के […]

बॉलीवुड से तीन साल तक दूर रहीं प्रियंका चोपड़ा ‘द स्काई इज पिंक’ से हिंदी फिल्मों में एक बार फिर से वापसी कर रही हैं. प्रियंका चोपड़ा को बॉलीवुड इंडस्ट्री में आये 19 साल हो गये हैं. प्रियंका की अगली फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ 11 अक्तूबर को रिलीज हो रही है. इस फिल्म के आने से पहले ही प्रियंका अपनी दमदार एक्टिंग के दम पर चर्चा में आ गयी हैं. प्रभात खबर से एक इंटरव्यू के दौरान प्रियंका ने इस फिल्म और दूसरे अन्य मुद्दों पर बातें शेयर कीं. पेश है प्रियंका चोपड़ा जोनास से उर्मिला कोरी की हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

‘गंगाजल’ के तीन साल बाद आप हिंदी फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ में नजर आ रही हैं?
मैं तीन साल भारत में कोई भी फिल्म नहीं कर पायी क्योंकि मैं क्वांटिको कर रही थी. उसे करने में 11 महीने लगते थे. सिर्फ एक महीना बचता था. आप एक महीने में तो फिल्म की शूटिंग नहीं कर सकते हैं. जैसे ही क्वांटिको खत्म हुआ, मैं फिल्म की स्क्रिप्ट ढूंढने लगी. मुझे जो इस फिल्म की खास बात लगी वो ये है कि ये असली लोगों की असली कहानी है. मैंने पहले भी एक रियल किरदार किया है ‘मेरीकॉम’ का लेकिन वो दिग्गज बॉक्सर हैं. हमारे देश की शान लेकिन अदिति और वीरेन चौधरी सिर्फ माता पिता हैं. उनकी जिंदगी की कहानी है. छोटी फिल्म है. हमने बहुत प्यार से बनायी है.

आपको फिल्म में क्या खास लगा?
जन्म और मृत्यु ये दो चीजें ऐसी हैं जो हम जानते हैं कि सबके साथ होगा. चाहे अमीर हो या गरीब. इस फिल्म की कहानी में जो सिचुएशन दिखाया गया है किसी अपने की बीमारी किस हद तक आपको हिलाकर रख देती है. रियल लाइफ में मैं भी अपने पिता और दादी के वक्त ऐसे ही जूझी थी. वैसे ये फिल्म जिंदगी को लेकर एक अलग ही नजरिया देती है. जब कोई इंसान चला जाता है तब हम उन्हें याद करते हैं. जब वो जिंदा है तभी हमें उनकी जिंदगी को सेलिब्रेट करना चाहिए. कई बार हम अपने माता-पिता या करीबी लोगों को ये कहना भूल जाते हैं कि आपने मेरे लिए बहुत अच्छा किया. मैं आपको बहुत प्यार करती हूं. रोजमर्रा की जिंदगी में इसे लाना चाहिए.

क्या इस फिल्म को करने के बाद आप अपने परिवार के और करीब हो गयीं?
मैं हमेशा से ही अपने परिवार के बहुत करीब रही हूं. हां जब टोरेंटो फिल्म फेस्टिवल में ये फिल्म दिखायी गयी तो कई लोगों ने मुझे कहा कि उनका मन हो रहा कि अपनी फैमिली को कॉल करें.

ग्लोबल आइकॉन इस शब्द को आप कैसे देखती हैं?
मैंने तो कभी कोशिश नहीं की थी कि इतने बड़े शब्द मेरे नाम के साथ जुड़े, लेकिन एक कलाकार के तौर पर ये शब्द खुशी भी बहुत देते हैं. आखिरकार एक कलाकार को और क्या चाहिए. उसका काम सराहा गया है तो ये शब्द उससे जुड़े हैं. मैं बस और अच्छा काम करने की कोशिश करती रहती हूं. जिंदगी और करियर दोनों में अप्स डाउन देखें हैं. ठोकर खाना भी जरूरी है उससे हमें सीख मिलती है.

आपकी मां का कहना है कि प्रियंका ने हमेशा अपने टर्म्स पर काम किया है.
मैं अपने माता-पिता को क्रेडिट देना चाहूंगी. उन्होंने हमेशा मुझे सीखाया कि तुम लड़की हो इसलिए तुममें गट्स होना चाहिए. अपनी बात रखनी आनी चाहिए.

शादी के बाद आपकी जिंदगी में क्या बदलाव आया है?
शादी के बाद मैं ज्यादा अच्छी बन गयी हूं. मेरे पति बहुत ही शांतिप्रिय इंसान हैं और मैं बौरा जाती हूं कभी-कभी तो उनसे मैंने थोड़ा सा शांत रहना सीख लिया है.

निक को आपने कितना भारतीय बनाया है?
हाल ही में स्टेज पर जाने से पहले निक ने कलंक के गाने फर्स्ट क्लास पर डांस किया. जब से वो पहली बार आये हैं. उन्हें इंडिया से प्यार ही हो गया है. कुर्ता पहनना पसंद है करते हैं. मुझे तो कभी-कभी लगता है पंजाबी से शादी हुई है.

आप अमेरिका में स्टूडेंट के तौर पर थीं. अब ग्लोबल आइकॉन के तौर पर रह रही हैं. क्या भारत को मिस करती हैं?
भारत और अमेरिका में से किसी एक को चुनने की जरूरत नहीं है. दोनों जगह काम करती हूं. दोनों जगह मेरा घर हैं. परिवार भी दोनों जगह है. जब मैं अमेरिका में पढ़ती थी तब शायद अमेरिका से डरती थी. वहां लाफकीयों ने बहुत परेशान किया इसलिए छोड़कर भी आयी, लेकिन इस बार जब मैं गयी तो मेरे काम को सराहा गया. बहुत प्यार और सम्मान मिला. जहां तक भारत की बात है मैं उसे ज्यादा मिस नहीं करती क्योंकि हर दो महीने मे यहां आती हूं. हां घर का खाना बहुत मिस करती हूं. मुझे बनाना नहीं आता है. इंडियन खाना मिलता है, लेकिन वो डब्बे में आता है. फ्रेश गरमा-गरम घर के खाने को मिस करती हूं.

आलोचनाओं से आप परेशान होती है?
लोगों की राय मेरे लिए मायने नहीं रखती. हां अगर लोग कहते हैं कि मैंने बुरा काम किया किसी फिल्म में तो बुरा लगता है कि क्यों बोला. ऐसे बोलेंगे तो मुझे लगता है कि मैं कोई नेता नहीं जो मेरी निजी जिंदगी आपके लिए मायने रखनी चाहिए. मेरा काम बस फिल्में बनाना और आपको इंटरटेन करना है. उससे ज्यादा नहीं.

क्या आप खुद की जिंदगी पर आप बायोपिक बनाना चाहेंगी?
मैं भी एक लड़की हूं. जो अपना काम कर रही है. लोग चाहे तो बायोपिक बना सकते हैं. वैसे मैं एक किताब अपनी जर्नी पर लिख रही हूं अनफिनिश्ड, अगले साल 20 साल इस इंडस्ट्री में मुझे हो जायेंगे.अगले साल तक किताब लाने की मेरी योजना है. इंडिया, यूके, यूएस तीनों में ये किताब रिलीज होगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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